मालदा : बीएसएफ ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक और गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल
सीमावर्ती क्षेत्र में लगातार मानवता का परिचय दे रही है बीएसएफ। प्राथमिक इलाज के बाद महिला की हालत सामान्य। महिला व उसके परिवार ने मदद के लिए बीएसएफ का आभार जताया कमांडेंट ने गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए समय पर कार्रवाई करने के लिए जवानों की सराहना की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए भी किसी देवदूत से कम नहीं हैं। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बीएसएफ के जवान लोगों के सुख दुख में साथ देकर लगातार मानवता का परिचय दे रहे हैं। इसी क्रम में बंगाल के मालदा जिले में तैनात बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 70वीं बटालियन के जवानों ने एक बार फिर मानवता का परिचय देते हुए प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक और गर्भवती महिला को सही समय पर अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाने में मदद की।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना मालदा में बीएसएफ की सीमा चौकी मोहादीपुर इलाके की है, जब सोमवार व मंगलवार की मध्यरात्रि को यह मामला सामने आया। महिला का नाम माया मंडल (19) है। वह ग्राम-बरिबोना, थाना-गुलाबगंज की रहने वाली है। गर्भवती महिला के पति ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए सीमा चौकी मोहादीपुर के कंपनी कमांडर से मदद मांगी। इसके बाद उन्होंने तुरंत एक प्रशिक्षित नर्सिंग सहायक के साथ बीएसएफ एंबुलेंस को मरीज के घर भेजा दिया। प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को तुरंत मालदा मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचाया गया।
प्राथमिक इलाज के बाद महिला की हालत सामान्य बताई जा रही है। महिला व उसके परिवार ने इस मदद के लिए बीएसएफ का आभार जताया। इधर, 70वीं बटालियन के कमांडेंट ने गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए समय पर कार्रवाई करने के लिए जवानों की सराहना की। बता दें कि इससे पहले शनिवार को भी 70वीं बटालियन के जवानों ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक गर्भवती महिला को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उसकी और उसके होने वाले नवजात बच्चे की जान बचाने में मदद की थी।
सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है बीएसएफ
इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बीएसएफ के जवान सीमा सुरक्षा के अपने नियमित काम के अलावा, सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं, जिसके कारण बल और स्थानीय निवासियों के बीच आपसी संबंध और प्रगाढ़ हो रहे हैं।