दक्षिण बंगाल बॉर्डर से BSF ने 505 बोतल फेंसिडिल और छह किलोग्राम गांजा जब्त
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास 26/27 दिसंबर को एंटी-ट्रांस बॉर्डर अपराधों के संचालन के दौरान तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए 505 बोतल प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप और छह किलोग्राम गांजा
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास 26/27 दिसंबर को एंटी-ट्रांस बॉर्डर अपराधों के संचालन के दौरान तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए 505 बोतल प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप और छह किलोग्राम गांजा जब्त किया। गांजा और फेंसिडिल की दक्षिण बंगाल बॉर्डर इलाके से बांग्लादेश में तस्करी की जा रही थी। बीएसएफ द्वारा जारी बयान में बताया गया कि जब्त फेंसिडिल का बाजार मूल्य ₹85,692 है। बयान के मुताबिक, 26 दिसंबर की रात लगभग 8:15 बजे सीमा चौकी कलांची, 112वीं बटालियन के जवानों ने इच्छामति पुल के पास कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत को देखा। बीएसएफ जवानों द्वारा चुनौती दिए जाने पर सभी संदिग्ध अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए।
तत्पश्चात इलाके की गहन तलाशी के दौरान जवानों ने 335 फेंसिडिल बोतलें बरामद की। एक अन्य घटना में 26 दिसंबर को सेक्टर कृष्णानगर के अंतर्गत बॉर्डर आउट पोस्ट होरन्दीपुर, 54वीं बटालियन के बीएसएफ के जवानों ने विशिष्ट सूचना पर कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास केले के बागान में विशेष ऑपरेशन चलाया।शाम लगभग 6:30 बजे बीएसएफ जवानों ने कुछ तस्करों की संदिग्ध हरकत को देखा और उन्हें चुनौती दी। जवानों को देखते ही सभी तस्कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग निकले।
इलाके की तलाशी के दौरान जवानों ने 12 पैकेट और 96 बोतल फेंसिडिल की बोतलें बरामद की। पैकेटों को खोलने पर उनमें से छह किलोग्राम गांजा बरामद किया गया।अन्य घटनाओं में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत बीएसएफ जवानों ने तस्करों के प्रयासों को नाकाम करते हुए चार मवेशियों को बचाया तथा 74 बोतल फेंसेडिल जब्त की। जब्त की गई फेंसेडिल और गांजे को आगे की कानूनी करवाई के लिए संबंधित थाना /कस्टम्स ऑफिस को सौंप दिया गया हैं।गौरतलब है कि बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में तस्करी व अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसके फलस्वरूप तस्करों के मंसूबे लगातार विफल हो रहे हैं।