Bengal: BSF ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति के चार जीवों को तस्करी से बचाया, भारत में भेजने की थी तैयारी
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल सीमांत के जवानों ने नदिया जिले में बांग्लादेश सीमा के पास तस्करों के मंसूबे नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के चार जीवों को तस्करी से बचाया है। इन ऊदबिलाव को तस्कर बांग्लादेश से भारत में तस्करी का प्रयास कर रहा था। File Photo
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल सीमांत के जवानों ने नदिया जिले में बांग्लादेश सीमा के पास तस्करों के मंसूबे नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के चार जीवों को तस्करी से बचाया है। बीएसएफ ने एक बयान में बताया कि बचाए गए चार एशियन स्माल आटर्स (ऊदबिलाव) जीव को तस्कर बांग्लादेश से भारत में तस्करी का प्रयास कर रहा था।
जवानों ने तलाशी अभियान चलाकर की कार्रवाई
बता दें कि रविवार देर रात एक खुफिया सूचना के आधार पर 54वीं वाहिनी की सीमा चौकी कादीपुर के जवानों ने तलाशी अभियान चलाकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। दरअसल, छोटे पंजों वाले एशियाई ऊदबिलाव नेवले की ही एक प्रजाति होती है। यह जमीन और पानी दोनों में रह सकते हैं। दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में यह पाए जाते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जवानों ने कुछ तस्करों को बांग्लादेश से भारतीय सीमा की तरफ आते देख, उन्हें रूकने की चुनौती दी, जिसके बाद तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर वापस बांग्लादेश की तरफ भाग गए। तलाशी में मौके से चार लोहे के पिंजरे बरामद हुए, जिनमें चार एशियन स्माल आटर्स जीव मिले। बीएसएफ ने तस्करों के चंगुल से बचाए गए जीवों को वन कार्यालय, रानाघाट को सौंप दिया है।
तस्करी रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही बीएसएफ
इधर, इस सफलता पर 54वीं वाहिनी के कमांडिंग आफिसर ने बताया कि बीएसएफ सीमा पर होने वाली दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों सहित अन्य चीजों की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। इसके चलते तस्करों के मंसूबे लगातार धाराशायी हो रहे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हम किसी सूरत में अपने इलाके से तस्करी नहीं होने देंगे।
बता दें कि इससे पहले बीएसएफ की 82वीं वाहिनी के जवानों ने नदिया जिले की सीमा से बीते 16 मार्च को दुर्लभ प्रजाति के दो पक्षियों- ड्वार्फ कैसोवरी को तस्करों के चंगुल से बचाया था। रात के अंधेरे में कुछ तस्कर दोनों पक्षियों को सीमा चौकी गोविंदपुर इलाके से सीमा पार कराकर बांग्लादेश से भारत में तस्करी की कोशिश कर रहे थे। बचाए गए कैसोवरी प्रजाति के पक्षियों को दुनिया में सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। कैसोवरी को डायनासोर का वंशज माना जाता है।