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बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप जब्त करने के साथ मवेशियों को भी तस्करी से बचाया

बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि जब्त फेंसिडिल का मूल्य 74324 रुपये जबकि मवेशियों का मूल्य 98293 रुपये है। 31 जनवरी व एक फरवरी की मध्यरात्रि को चलाए गए अभियान के दौरान जवानों ने फेंसिडिल व मवेशियों को जब्त किया।

By PRITI JHAEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 08:55 AM (IST)
बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप जब्त करने के साथ मवेशियों को भी तस्करी से बचाया
बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से मवेशियों को तस्करी से बचाया

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से चलाए जा रहे शून्य तस्करी अभियान के तहत भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अलग-अलग स्थानों पर तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए जवानों ने 438 बोतल प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप जब्त करने के साथ 12 मवेशियों को भी बचाया।

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बीएसएफ की ओर से सोमवार को जारी बयान में बताया गया कि जब्त फेंसिडिल का मूल्य 74,324 रुपये जबकि मवेशियों का मूल्य 98,293 रुपये है। 31 जनवरी व एक फरवरी की मध्यरात्रि को चलाए गए अभियान के दौरान जवानों ने फेंसिडिल व मवेशियों को जब्त किया। बयान के मुताबिक, 31 जनवरी की देर रात बीएसएफ के खुफिया विभाग की विश्वस्त सूचना पर सीमा चौकी जयंतीपुर, 158वीं वाहिनी के जवानों ने विशेष अभियान चलाया। इस दौरान जवानों ने कुछ संदिग्ध लोगों को सिर पर बोरी लिए हुए बॉर्डर की तरफ जाते देखा।

गश्त पार्टी ने उन्हेंं रूकने के लिए चुनौती दी, लेकिन जवानों को देखकर तस्कर अंधेरे और धुंध का का फायदा उठाते हुए बोरी को वहीं फेंक कर भागने में कामयाब हो गए। इलाके की तलाशी लेने पर मौके से 319 फेंसिडिल की बोतलें बरामद हुई। इसके अलावा बीएसएफ के जवानों ने तस्करी के प्रयासों को विफल करते हुए दक्षिण बंगाल सीमा पर अपनी जि़म्मेदारी के इलाके से और 119 फेंसिडिल की बोतलें जब्त की तथा 12 मवेशियों को बचाया। जब्त की गई फेंसिडिल बोतलें को आगे की कार्यवाही के लिए स्थानीय कस्टम कार्यालय को सौंप दिया गया है।

गौरतलब है कि चालू वर्ष 2021 के दौरान अब तक दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ जवानों ने 26,705 फेंसिडिल की बोतलों को जब्त किया है तथा 364 मवेशियों को बचाया है, जब बांग्लादेश में इसकी तस्करी की जा रही थी। 


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