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West Bengal : बीएसएफ ने बांग्लादेशी युवती को मानव तस्करों से बचाया

बीएसएफ जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से एक और बांग्लादेश युवती को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 08:57 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 01:07 PM (IST)
West Bengal : बीएसएफ ने बांग्लादेशी युवती को मानव तस्करों से बचाया
West Bengal : बीएसएफ ने बांग्लादेशी युवती को मानव तस्करों से बचाया

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से एक और बांग्लादेश युवती को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, बांग्लादेशी युवती को मुंबई में भेजने की तैयारी थी।

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एक बयान में बताया गया कि एक खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए बीएसएफ के 107वीं बटालियन के जवानों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर तलाशी अभियान चलाकर 25 अगस्त, मंगलवार को सीमावर्ती गांगुलिया गांव से युवती को मुक्त कराया जब दलाल उसे अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कराने की कोशिश कर रहे थे। 27 वर्षीय युवती बांग्लादेश के मदारीपुर जिले की रहने वाली है।

युवती ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसके पति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं और वह बीमार रहते है एवं उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। इस दौरान वह एक बांग्लादेशी मानव तस्कर के संपर्क में आई जिसका नाम दालिम है और मदारीपुर का ही रहने वाला है। उसने उससे कहा कि वह उसके लिए मुंबई में घर की नौकरानी या किसी होटल में काम करने की व्यवस्था करेगा। उसके बाद 23 अगस्त, 2020 को वह दालिम की मदद से बस से जशोर पहुंची।

जशोर पहुंचने पर उन्होंने उसे एक भारतीय दलाल का मोबाइल नंबर दिया, जिसका नाम बहारुल मंडल है, जो भारतीय सीमावर्ती गांव गंगुलिया का निवासी है। सीमा रेखा के नजदीक पहुंचने पर उसे बहारुल मंडल के सहयोगियों ने उसे रिसीव किया और इनकी मदद से वह बहारुल मंडल के घर पर आ गई। उसे किस रास्ते से काफी पैदल चला कर उसके घर में लाया गया, इस संबंध में उसे कोई जानकारी नहीं है। अंधेरी रात में अज्ञात स्थान से उसे भारतीय सीमावर्ती गांव गांगुलिया में बहारुल मंडल के घर पर लाया गया। यहां पहुंचने पर उसने बहारुल मंडल को बांग्लादेश की मुद्रा 20,000 टका का भुगतान किया और बहारुल ने उसे यह भरोसा दिलाया गया कि उसके लिए मुंबई में नौकरी की व्यवस्था की जाएगी।

बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर मामलों में देखा गया है कि मानव तस्करी में शामिल गिरोह बांग्लादेश की भोली भाली, गरीब और अनपढ़ लड़कियों को ब्यूटी पार्लर, घर में नौकरानी का काम, किसी होटल में काम या बार डांसर इत्यादी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें यह भारत के बड़े-बड़े शहरों जैसे कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु में ले जाकर जिस्मफरोशी के धंधे में फंसा देते हैं। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए बांग्लादेशी युवती को बागदाह थाने को सौंप दिया है।

नए आइजी के पदभार संभालने के बाद मानव तस्करी के खिलाफ उठाए गए हैं विशेष कदम

बताते चलें कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर का प्रभार संभालने के बाद से बीएसएफ के महानिरीक्षक (आइजी) अश्विनी कुमार सिंह ने अपने सीमा क्षेत्र की जिम्मेदारी के क्षेत्र में मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं।बीएसएफ ने भारत - बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति शुरू की है, जिसके कारण मानव तस्करों को अपनी नापाक गतिविधियों को अंजाम देना मुश्किल हो रहा है। 


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