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बीएसएफ ने भारत-बांग्‍लादेश बॉर्डर पर 11 दुर्लभ प्र‍जाति के कबूतरों को तस्‍करी से बचाया

जवानों ने तलाशी अभियान के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति को बांग्लादेश की तरफ से तारबंदी की ओर आता देखा। उसे रूकने की चुनौती दी तो तस्कर तीन प्लास्टिक के बैग तारबंदी के पार फेंक कर भाग गया। बैग में 11 दुर्लभ प्रजाति के कबूतर मिले।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 28 Aug 2022 01:59 PM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2022 01:59 PM (IST)
बीएसएफ ने भारत-बांग्‍लादेश बॉर्डर पर 11 दुर्लभ प्र‍जाति के कबूतरों को तस्‍करी से बचाया
बीएसएफ द्वारा बरामद दुर्लभ प्र‍जाति के कबूतर। फोटो स्रोत : बीएसएफ।

कोलकाता, जागरण संवाददाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पक्षियों की तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के 11 कबूतरों को तस्करी से बचाया है। कबूतरों की बांग्लादेश से भारत में तस्करी की जा रही थी। बीएसएफ ने शनिवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी। यह घटना शुक्रवार को 54वीं वाहिनी की सीमा चौकी बानपुर इलाके में हुई।

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पुख्ता जानकारी के आधार पर जवानों ने तलाशी अभियान के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति को बांग्लादेश की तरफ से तारबंदी की ओर आता देखा। उसे रूकने की चुनौती दी तो तस्कर तीन प्लास्टिक के बैग तारबंदी के पार फेंक कर भाग गया। जवानों ने जब बैग को खोला तो उसमें 11 कबूतर बरामद हुए। बीएसएफ ने तस्करी से बचाए गए कबूतरों को वन विभाग रानाघाट को सौंप दिया है। इस सफलता पर 54वीं वाहिनी के कमांडिंग फिसर देशराज सिंह ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है, जिसके चलते तस्करों के मंसूबे लगातार नाकाम हो रहे हैं।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हम किसी भी सूरत में अपने इलाके से तस्करी नहीं होने देंगे। बता दें कि इससे पहले बीते बुधवार को बीएसएफ की 153वीं वाहिनी के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के 30 अफ्रीकन तोते को तस्करों के चंगुल से आजाद कराया था। एक पुख्ता जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए सीमा चौकी घोजाडांगा इलाके से  जवानों ने इसे तस्करी से बचाया था। इनमें 20 अफ्रीकन लव बर्ड और 10 रेड रंपेड तोता शामिल हैं।अधिकारियों ने बताया कि तस्कर दुर्लभ प्रजाति के इन पक्षियों को बांग्लादेश से भारत में तस्करी के लिए ला रहे थे।


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