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बीएसएफ ने दवाइयों व अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ एक कुख्यात तस्कर को दबोचा

158 वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर आरएस भंडारी ने कुख्यात तस्कर की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताया और इसके लिए अपने जवानों की पीठ थपथपाई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 11:56 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 11:56 AM (IST)
बीएसएफ ने दवाइयों व अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ एक कुख्यात तस्कर को दबोचा
बीएसएफ ने दवाइयों व अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ एक कुख्यात तस्कर को दबोचा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास से एक कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार किया है। दोबारपारा सीमा चौकी इलाके में स्थित उसके घर से तस्करी के सामानों के साथ उसे गिरफ्तार किया गया। उसके घर से जब्त किए गए दवाइयां और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की कीमत लगभग 62,104 रुपये है। इन वस्तुओं को सीमा चौकी दोबारपारा इलाके के माध्यम से बांग्लादेश ले जाने की योजना थी।

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अधिकारियों ने बताया कि एक खुफिया सूचना पर सीमा चौकी दोबारपारा के जवानों ने बरनबेरिया गांव में राम मंडल के घर पर छापा मारा।कुछ ग्रामीणों की उपस्थिति में उसके घर की तलाशी में कुछ दवा और कपड़ों की पोटला को बरामद किया। इसके बाद तलाशी दल ने जब्त सामानों के साथ राम मंडल को पूछताछ के लिए सीमा चौकी दोबारपारा लाई। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह पिछले 10 वर्षों से मवेशी सहित विभिन्न वस्तुओं की तस्करी व अवैध प्रवासियों को सीमा पार कराने की गतिविधियों में शामिल है।

सीमा सुरक्षा बल द्वारा 2017 में उसे मवेशी तस्करी के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था और उसे बनगांव जेल में डाला गया था।उक्त घटना में वह व्यक्तिगत रूप से पशु हाट भागजाला (बसीरहाट) से मवेशी खरीदता था और पिकअप वाहन में ग्राम रामचंद्रपुर तक ले जाता था, जहां पर मवेशियों को उतारा जाता था और गांव गोलबटन में मजदूरों की मदद से ले जाया जाता था। गोलबटन तक पहुंचने के बाद लेबर पार्टी की मदद से नाव से बांगोर झील (दूमा) को पार करने के बाद गादपुर / राजबंशीपारा से बंगलादेशी तस्करों द्वारा मवेशियों को बांग्लादेश में ले जाया जाता था। इस कार्य में बंगलादेशी पशु वाहक परेश, ग्राम -गोगा, पीएस- सरसा, जिला-जेसोर और एक भारतीय तस्कर सज्जल उसकी मदद करता था। इसी प्रकार पहले वह अवैध प्रवासियों को सीमा पार करने का धन्धा करता था। इसके लिए उसे संजय नाम के एक व्यक्ति से (पता - अज्ञात) मदद मिलती थी।

सियालदह रेलवे स्टेशन के पास से उनको लेकर उन्हे चंदपारा और उसके बाद बोर्नबेरिया गांव में लाकर खेतों में रखा जाता था। वर्तमान घटना के बारे में उसने बताया कि 29 अगस्त को वह बनगांव से कुछ दवाइयां और कपड़े खरीदे और अपने घर में रख लीं। उसे आधी रात को बांग्लादेश में इन वस्तुओं को तस्करी के माध्यम से पार करना था, जहां इच्छामती नदी (आईबी) के पास बोर्नबेरिया सीमा क्षेत्र से बंगलादेशी तस्कर इकट्ठा होता है, उनको ये समान देना था।इसके बदले उसे कुछ पैसे मिलने थे।

कुख्यात तस्कर की गिरफ्तारी को बीएसएफ ने बड़ी सफलता बताया

इधर, 158 वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर आरएस भंडारी ने कुख्यात तस्कर की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताया और इसके लिए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर मौजूद उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जब्त किए गए सामानों के साथ गिरफ्तार तस्कर को गायघाटा थाने को सौंप दिया है। 


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