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मुठभेड़ में घायल होने के बाद भी बांग्लादेशी तस्करों के समूह से लड़ता रहा बीएसएफ जवान

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवान बेहद चुनौतीपूर्ण भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जान की बाजी लगाकर तस्करों से मुकाबला करते हुए उनके छक्के छुड़ा रहे हैं। शनिवार को बंगाल के सीमावर्ती मालदा जिले में एक ऐसी ही घटना हुई

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 10:22 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 10:43 AM (IST)
मुठभेड़ में घायल होने के बाद भी बांग्लादेशी तस्करों के समूह से लड़ता रहा बीएसएफ जवान
घायल अवस्था में भी कॉन्स्टेबल सुंदर सिंह ने किया डटकर मुकाबला

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवान बेहद चुनौतीपूर्ण भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जान की बाजी लगाकर तस्करों से मुकाबला करते हुए उनके छक्के छुड़ा रहे हैं। शनिवार को बंगाल के सीमावर्ती मालदा जिले में एक ऐसी ही घटना हुई, जब मुठभेड़ में घायल होने के बावजूद बीएसएफ के कॉन्स्टेबल सुंदर सिंह ने अपनी जान पर खेलते हुए बांग्लादेशी तस्कर को धर दबोचा।

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बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि शनिवार तड़के मालदा जिले में स्थित बीएसएफ की सीमा चौकी किस्तोपुर इलाके में ड्यूटी पर तैनात 44वीं बटालियन के एक जवान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास आठ से 10 तस्करों की संदिग्ध गतिविधि देखी। जवान ने जब उन्हें रुकने के लिए कहा तो तस्करों के समूह ने मिलकर बीएसएफ जवान पर लाठी, डंडा, धारदार हथियारों (दाह) और पत्थरों से हमला कर दिया। तस्करों के इस जानलेवा हमले में कॉन्स्टेबल सुंदर सिंह के सिर में गंभीर चोटें आई और वह बुरी तरह घायल हो गया, लेकिन उसने लहूलुहान अवस्था में भी तस्करों से बहादुरी के साथ डटकर मुकाबला किया।

डीआइजी ने बताया कि न केवल उसने तस्करों के साथ डटकर मुकाबला किया, बल्कि एक हमलावर को पकड़ने में कामयाब भी रहा। जब बीएसएफ के अन्य जवान मौके पर पहुंचे, तब तक बाकी हमलावर वहां से फरार हो गए। पकड़े गये तस्कर के कब्जे से दो बैग मिले, जिनमें प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप की 175 बोतलें भरीं थीं। पकड़े गए तस्कर का नाम अब्दुल जलील (40) है। वह बांग्लादेश के भोलाहट थाना अंतर्गत चांदशिकारी गांव का निवासी है। प्रारंभिक पूछताछ में अब्दुल ने बताया कि वह मजदूरी करता है, लेकिन ज्यादा कमाने की लालच में वह कभी-कभी ड्रग्स की तस्करी भी करता है। उसने यह भी बताया कि इस बार भारत से बांग्लादेश फेंसिडिल ले जाने के लिए उसे करीब 2,500 रुपये मिलने थे, लेकिन बीएसएफ के जवान ने उसे पकड़ लिया।बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पकड़े गए बांग्लादेशी तस्कर को मालदा इंग्लिश बाजार पुलिस स्टेशन को सौंप दिया है। इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर अन्य स्थानों पर भी अभियान चलाकर 12 किलोग्राम गांजा व फेंसिडिल की 360 बोतलें बरामद की हैं।

झुंड बनाकर तस्कर अचानक कर देते हैं बीएसएफ जवान पर हमला

इधर, बीएसएफ डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि सीमा पर तस्करों के खिलाफ हमारे जवान मुस्तैदी से डटे हुए हैं और उनकी हर चाल को लगातार नाकाम कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि हमारे जवान भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। गुलेरिया ने बताया कि बीएसएफ की कड़ी निगरानी से बौखलाए तस्कर आए दिन झुंड बनाकर जवानों पर अचानक से हमला कर देते हैं। हालांकि बावजूद इसके बीएसएफ मानवीय मूल्यों की रक्षा करते हुए तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करती है।‌जवानों की बहादुरी के आगे तस्करों के नापाक इरादे कामयाब नहीं हो रहे हैं जिसकी वजह से लगातार तस्कर रंगे हाथों गिरफ्तार किए जा रहे हैं। 

साल 2019 के बाद से दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बॉर्डर इलाके में तस्करी में आई अभूतपूर्व कमी

गौरतलब है कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर का बॉर्डर इलाका एक समय गो तस्करी के लिए काफी कुख्यात था। लेकिन, साल 2019 के बाद इस सीमा क्षेत्र में गो तस्करी की घटनाओं में अभूतपूर्व कमी आई है। अन्य सामानों की तस्करी पर भी बीएसएफ ने बहुत हद तक अंकुश लगा दिया है। अब तस्करी की कोशिश भी की जाती है तो उसमें कामयाबी नहीं मिल रही। तस्करी रोकने में बीएसएफ के जी ब्रांच का अहम रोल रहा है।


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