भारतीय जल सीमा में घुस आए 4 बांग्लादेशी मछुआरों को बीएसएफ ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंपा
बीएसएफ ने बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के मदनघाट सीमा चौकी इलाके में भारतीय जल क्षेत्र में घुस आए चार बांग्लादेशी मछुआरों को सदभावना पूर्ण कदम के तहत बीजीबी को सौंप दिया है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के मदनघाट सीमा चौकी इलाके में भारतीय जल क्षेत्र में घुस आए चार बांग्लादेशी मछुआरों को सदभावना पूर्ण कदम के तहत बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा जारी बयान के मुताबिक चार बांग्लादेशी मछुआरे शुक्रवार सुबह अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा का उल्लंघन कर गंगा नदी के भारतीय जल क्षेत्र में 600 मीटर अंदर तक घुस आए थे और मछली पकड़ रहे थे।
वहीं, स्पीड बोट से पानी में गश्त कर रहे बीएसएफ के 35वीं बटालियन के जवानों ने चारों मछुआरों को रोकने की कोशिश की तो वे भागने लगे। हालांकि पीछा करके भारतीय जल क्षेत्र के अंदर मछुआरों को उनकी मोटर चालित नौका तथा मछली पकड़ने के सामानों के साथ पकड़ लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद बीएसएफ और पड़ोसी देश की सीमा पर तैनात बीजीबी के कंपनी कमांडरों के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद सदभावना पूर्ण कदम के तहत बीएसएफ ने चारों मछुआरों को उनके सामानों के साथ उसी दिन शाम में बीजीबी के सोनाई कुंडी सीमा चौकी के अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया।
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश के राजशाही जिले के रहने वाले इन चारों मछुआरों का पहले कभी सीमा पार करने का इतिहास नहीं रहा है। अन्य किसी अवांछनीय गतिविधियों में वे लिप्त नहीं पाए गए तथा दोनों देशों और सीमा सुरक्षा बलों के अच्छे रिश्ते होने के कारण पकड़े गए मछुआरों को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को वापस देने का फैसला लिया गया।
इन चारों मछुआरों के नाम रकीब अली (52), मोहम्मद राजू अहमद (32), दिलावर हुसैन (29) व रकीब इस्लाम (25) है। ये सभी एक ही परिवार के सदस्य थे। इधर, मछुआरों को लौटाए जाने के साथ कंपनी कमांडर मदनघाट ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को एक विरोध पत्र भी सौंपा है जिसके माध्यम से उनसे कहा गया है कि सीमा रेखा की पवित्रता को कायम रखने के लिए उनके देश के नागरिकों को इसका उल्लंघन ना करने दें।
भारतीय मछुआरे को छुड़ाने गए बीएसएफ जवान की बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड ने पिछले साल कर दी थी हत्या
दरअसल, भारत और बांग्लादेश के बीच हमेशा से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। ऐसे में सीमा सुरक्षा बल का बॉर्डर व्यवहार, दृष्टिकोण तथा बर्ताव हमेशा ऐसा रहता है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखे जाएं। इसी के तहत इन मछुआरों को लौटा दिया। लेकिन पिछले साल अक्टूबर में मुर्शिदाबाद जिले के इसी इलाके में बांग्लादेशी जल क्षेत्र में घुसने के आरोप में 3 भारतीय मछुआरों को बीजीबी ने बंधक बना लिया था। इनमें से दो को छोड़ दिया और एक मछुआरे को छुड़ाने जब बीएसएफ के ककमारीचर पोस्ट के जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गए तो फ्लैग मीटिंग के दौरान बीजीबी ने उन पर गोलियां बरसा दी थी। इसमें बीएसएफ के हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह शहीद हो गए थे एवं एक अन्य जवान घायल हो गया था। 17 अक्टूबर 2019 को यह घटना घटी थी।
पहली बार इस तरह की घटना ने सबको चौंका दिया था। इस घटना को लेकर बीएसएफ और बीजीबी के बीच काफी तनाव भी बढ़ गया था और बीएसएफ व भारत सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। हालांकि बंधक बनाए गए उस मछुआरे को आधिकारिक रूप से अब तक बांग्लादेश ने भारत को नहीं सौंपा है। उसके खिलाफ बांग्लादेश की अदालत में मुकदमे भी चलाए जा रहे हैं। दूसरी ओर, इन सब के बावजूद बीएसएफ ने बड़ा दिल दिखाया है।अंतर्राष्ट्रीय सीमा की पवित्रता व ह्यूमन राइट्स की रक्षा में बीएसएफ हमेशा आगे रहती है।