बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दो बांग्लादेशी नागरिकों को 87 हजार भारतीय मुद्रा के साथ किया गिरफ्तार
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं वाहिनी के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दो बांग्लादेशी नागरिकों (ट्रक ड्राइवर तथा खलासी) को अवैध तरीके से लाए जा रहे भारतीय मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं वाहिनी के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दो बांग्लादेशी नागरिकों (ट्रक ड्राइवर तथा खलासी) को अवैध तरीके से लाए जा रहे भारतीय मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया। बीएसएफ ने दोनों के पास से बरामद 87,000 भारतीय मुद्रा के साथ ट्रक को भी जब्त कर लिया है। बीएसएफ की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि यह घटना चार दिसंबर की है।
खुफिया जानकारी मिलने पर सीमा चौकी घोजाडांगा, 153वीं वाहिनी के जवानों ने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (आईसीपी) घोजाडांगा में चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध बांग्लादेशी ट्रक को रोककर ड्राइवर तथा खलासी की अच्छे तरीके से तलाशी ली। तलाशी में खलासी के पास से 87,000 भारतीय मुद्रा मिली, जिसे वह अवैध तरीके से बांग्लादेश से भारत ला रहा था। इसके बाद जवानों ने चालक व खलासी को हिरासत में लेकर ट्रक को भी जब्त कर लिया, जिसमें जूट निर्मित सामग्री लाई जा रही थी। पकड़े गए लोगों की पहचान मो. अलमिन (28) और मो. ओलिउल इस्लाम (21) के रूप में हुई है। दोनों बांग्लादेश के क्रमश: मैमनसिंह और सतखीरा जिले का रहने वाला है।
प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं और ट्रक ड्राइवर तथा खलासी का काम करते हैं। वे दोनों निर्यात का माल लेकर ढाका से घोजाडांगा आ रहे थे। आगे ओलिउल इस्लाम (खलासी) ने बताया कि चार दिसंबर को बांग्लादेश के भोमरा आईसीपी पर रमेश नामक एक बांग्लादेशी व्यक्ति ने उसे कुल 87,000 रुपये दिए जिसे आईसीपी घोजाडांगा स्थित आशिक़ इंटरप्राईजेज (मनी एक्सचेंज) को देना था, जिसके बदले उसे 150 बांग्लादेशी टका मिलना था। बीएसएफ ने पकड़े गए बांग्लादेशी ट्रक ड्राइवर तथा खलासी को जब्त सामान के साथ आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए घोजाडांगा कस्टम के हवाले कर दिया है।
बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की थपथपाई पीठ
इधर, इस सफलता पर 153वीं बटालियन के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर उनके सैनिकों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।