BSF ने NCB के साथ संयुक्त ऑपरेशन में 16,500 बोतल फेंसिडिल के साथ एक तस्कर को दबोचा
बीएसएफ की टीम ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर लगभग 28 लाख रुपये कि 16500 बोतल फेंसिडिल कफ सिरप की एक बड़ी खेप जब्त की है। फेंसिडिल की बोतलों को सीमा के पास एक घर में छुपाया गया था।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के सीमावर्ती नदिया जिले में 39वीं बटालियन बीएसएफ (Border Security Force) की टीम ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) के साथ मिलकर किए गए एक संयुक्त ऑपरेशन में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए 16,500 बोतल फेंसिडिल कफ सिरप की एक बड़ी खेप जब्त की है। फेंसिडिल के साथ एक भारतीय तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जब्त फेंसिडिल का बाज़ार मूल्य 27,99,885 रुपये (लगभग 28 लाख रुपये) है। यह कार्रवाई बीएसएफ के बॉर्डर आउट पोस्ट बेर रामचंद्रपुर क्षेत्र में की गई।
अधिकारियों ने बताया कि फेंसिडिल की बोतलों को सीमा के पास एक घर में छुपाया गया था और बांग्लादेश में इसकी तस्करी की योजना थी। बयान के मुताबिक, 17 दिसंबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तरफ से मिली जानकारी के आधार पर बीएसएफ की 39वीं वाहिनी के कंपनी कमांडर मनोज कुमार नेतृत्व में 15 बीएसएफ जवानों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने साथ मिलकर इंताज बिस्वास (38), ग्राम-संतोषपुर, थाना-हुगलबेरिया, जिला-नदिया, बंगाल के घर की घेराबंदी करके तलाशी ली। इस दौरान इंताज़ बिस्वास के बताये गए जगहों से बीएसएफ ने 16,500 बोतल फेंसिडिल जब्त किया। इसके बाद इंताज़ बिस्वास को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
बीएसएफ ने पकड़े गए तस्कर को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, कोलकाता को सौंप दिया है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सर्दी के मौसम में घने कोहरे की वजह से दृश्यता काफी हद तक प्रतिबंधित हो जाती हैं जिसका फायदा उठाने के लिए इलाके के छोटे तस्कर इससे फेंसेडिल की बोतल खरीद करते हैं और मौका मिलने पर सीमा पर लगे फैंस के ऊपर से उसे उस पार फेंकने की कोशिश करते है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में शराब प्रतिबंधित होने की वजह से फेंसिडिल कफ सिरप का वहां लोग बड़े पैमाने पर नशे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।
भारत में यह कफ सिरप बिना डॉक्टरों के प्रिसक्रिप्शन के नहीं दी जाती है लेकिन इसके बावजूद तस्करों के पास धड़ल्ले से इतनी बड़ी तादाद में यह पहुंच रही है। बीएसएफ का दक्षिण बंगाल फ्रंटियर इसको लेकर संबंधित दवा कंपनियों व संबंधित एजेंसियों को कई बार पत्र भी लिख चुका है, लेकिन इसके बावजूद कथित मिलीभगत की वजह से तस्करों के पास यह पहुंच रही है। सूत्रों के अनुसार कथित तौर पर कुछ दवा कंपनियों, डीलरों व ड्रग कंट्रोलर एवं तस्करों के बीच कथित सांठगांठ की वजह से यह रैकेट चल रहा है। ऐसे में जब तक इनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होगी इसकी तस्करी पर अंकुश लग पाना मुश्किल है।