मेले के लिटिल मैगजीन जोन में उमड़ा पुस्तक प्रेमियों का हुजूम
- सरस्वती पूजा पर सपरिवार मेले में पहुंचे पुस्तक प्रेमी जमकर की खरीदारी - अबकी मेले में 200 से अ
- सरस्वती पूजा पर सपरिवार मेले में पहुंचे पुस्तक प्रेमी, जमकर की खरीदारी
- अबकी मेले में 200 से अधिक लिटिल मैगजीन बने लोगों के आकर्षण का केंद्र
जागरण संवाददाता, कोलकाता : लिटिल मैगजीन बंगाली साहित्य का एक ऐसा विशेष छोर है, जिसे हर कोई पंसद करता है। इसको लेकर मौकेवार विवाद भी हुए, बावजूद इसके 44वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में अबकी कवि सुभाष मुखर्जी के नाम पर विशेष रूप से लिटिल मैगजीन पैवेलियन बनाया गया है। हालांकि, हर साल ही लिटिल मैगजीन को अलग से स्टॉल लगाए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार खास ध्यान दिया गया है। साथ ही अबकी मेले में करीब 200 से अधिक लिटिल मैगजीन देखने व पढ़ने को मिलेंगे। इसके अलावा कई लिटिल मैगजीन प्रकाशकों की ओर से मेले में आने वाले आगंतुकों के लिए नए नबंर जारी किए गए हैं। सरस्वती पूजा के मौके पर बुधवार को मेले में आए पुस्तक प्रेमियों ने लिटिल मैगजीन पैवेलियन का दौरा करने के साथ ही जमकर खरीदारी भी की। हाल ही में प्रकाशकों ने कई लिटिल मैगजीन प्रकाशित किए हैं। इसके साथ ही अब लिटिल मैगजीन के बैनर तले कई अच्छी किताबें भी प्रकाशित हो रही हैं। पुस्तक मेले में इंफेंट्री कवि सुभास मुखर्जी के नाम पर लिटिल मैगजीन पैवेलियन खास तौर पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वहीं मेले में आए हावड़ा निवासी नरेंद्र सेनगुप्ता ने कहा कि बाल साहित्य हमे बीते कल की याद दिलाने के साथ ही बच्चों को खास तौर पर अपनी ओर आकर्षित करता है। आज इंटरनेट व मोबाइल के दौर में बच्चे किताबों को अलग हो रहे हैं। ऐसे में इन मैगजीनों की अहमियत और अधिक बढ़ गई है। आगे उन्होंने कहा कि सभी को सपरिवार इस मेले में आना चाहिए, क्योंकि यहां पुस्तकों का भंडार है और पुस्तक हमारे मित्र की तरह हैं।