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बंगाल में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी को लेकर भाजयुमो ने जताया विरोध

भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने बंगाल में शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कोलकाता के साल्टलेक में राज्य शिक्षा विभाग के कार्यालय विकास भवन के बाहर धरना दिया।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 07:17 PM (IST)
बंगाल में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी को लेकर भाजयुमो ने जताया विरोध
भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने राज्य शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर दिया धरना। सांकेतिक तस्‍वीर।

 कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने बंगाल में शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कोलकाता के साल्टलेक में राज्य शिक्षा विभाग के कार्यालय विकास भवन के बाहर धरना दिया। भाजयुमो के एक कार्यकर्ता ने दावा किया कि बंगाल सरकार कांस्टेबलों की भर्ती में भी पारदर्शिता सुनिश्चित करने में विफल रही है।

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भाजयुमो कार्यकर्ता स्वर्णेंदु राय ने कहा, एसएससी, टीईटी और नर्सिंग भर्ती में अनियमितताओं के अलावा, हम कांस्टेबलों की भर्ती में भेदभाव का विरोध कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि जब प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा विभाग के कार्यालय विकास भवन की ओर पुलिस की तरफ से लगाए गए अवरोधकों (बैरिकेड्स) को पार करने की कोशिश की तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि करीब 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और उन्हें पुलिस की गाड़ी में बैठाया गया जो पहले से तैयार खड़ी थी।

इधर, पुलिस ने बताया कि बाद में सभी कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया गया। उल्लेखनीय है कि बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले के सिलसिले में सीबीआइ ने बुधवार को राज्य के उद्योग व संसदीय कार्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव पार्थ चटर्जी से दूसरी बार मैराथन पूछताछ की थी।   मंत्री चटर्जी को शुरूआत से ही सबसे असहज सवालों का सामना करना पड़ा।

सीबीआइ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पूछताछ का दूसरा चरण ठीक उसी जगह से शुरू हुआ, जहां 18 मई को पहले दौर में पूछताछ समाप्त हुई थी। सूत्रों ने बताया मंत्री ने भर्ती के उद्देश्य से पांच सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया था। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायिक समिति ने न केवल उक्त समिति को अवैध घोषित किया है, बल्कि समिति के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद भी उसके सदस्यों पर भर्ती की सिफारिशें करने का आरोप लगाया गया है।


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