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West Bengal : 'आर नोई अन्याय' के नारों के साथ सड़क पर उतरे भाजयुमो कार्यकर्ता

राज्य में आर नोई अन्याय अभियान शुरू किया गया। भाजयुमो नेताओं ने कहा यह पांच दिवसीय अभियान बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की गुंडागर्दी के खिलाफ है। प्रियांगू पांडे ने कहा बंगाल में लोकतंत्र पूरी तरह खत्म हो चुका है। पार्टी समर्थकों की हत्या हमले की घटनाएं अब बहुत हो चुकी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 09:31 AM (IST)
West Bengal :  'आर नोई अन्याय' के नारों के साथ सड़क पर उतरे भाजयुमो कार्यकर्ता
सड़क पर उतरकर विरोध जताते भाजयुमो नेता व कार्यकर्ता।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की ओर से मंगलवार को राज्य में 'आर नोई अन्याय' अभियान शुरू किया गया। भाजयुमो नेताओं ने कहा कि यह पांच दिवसीय अभियान बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस की कथित गुंडागर्दी के खिलाफ है।

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अभियान के पहले दिन मंगलवार को उत्तर 24 परगना के बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत बीजपुर अंचल में भाजयुमो के नवद्वीप ज़ोन के कन्वेनर प्रियांगू पांडे, बीजपुर के विधायक व मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय के नेतृत्व में रैली निकाली गई। इसमें भाजपा नेता उमा शंकर सिंह व सागर राय सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय युवा मोर्चा समर्थकों ने हिस्सा लिया।

इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रियांगू पांडे ने कहा, 'बंगाल में लोकतंत्र पूरी तरह खत्म हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों की हत्या, हमले की घटनाएं अब बहुत हो चुकी है। जनता पर अत्याचार बहुत हो चुका। अब अन्याय नहीं झेलेंगे। अब ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।' दूसरी ओर, राज्य के अन्य जिलों में भी भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से इस अभियान के तहत रैली निकाली गई। इस दौरान भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की कथित गुंडागर्दी के खिलाफ अपना विरोध जताया।

गौरतलब है कि राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल और विपक्षी भाजपा के बीच जबरदस्त सियासी घमासान चल रहा है। दोनों दलों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ इंटरनेट मीडिया और अन्य माध्यमों से अलग-अलग नामों से कई अभियान चलाए जा रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला तृणमूल और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है।

भाजपा यहां मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी है। इससे पहले पिछले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज कर तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था। इसके बाद से यहां भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं। 


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