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Bengal Assembly Elections: चौके से तय होगी जीत और हार, भाजपा करेगी ताज पर कब्जा या तृणमूल की बनेगी तिकड़ी

Bengal Assembly Elections प्रमुख लड़ाई भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के मध्य ही होगी। चुनाव में जीत-हार का फैसला एक चौके से होगी। चौके का मतलब दोनों पार्टियों में केवल 4 फीसदी वोट का अंतर। बंगाल में 294 सीटों वाली राज्य विधानसभा के लिए चुनाव मार्च- अप्रैल में हो सकता है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 08:08 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 08:08 AM (IST)
Bengal Assembly Elections: चौके से तय होगी जीत और हार, भाजपा करेगी ताज पर कब्जा या तृणमूल की बनेगी तिकड़ी
बंगाल विधानसभा चुनाव : चौके से तय होगी जीत और हार

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में 294 सीटों वाली राज्य विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल मार्च- अप्रैल में हो सकता है। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय कांग्रेस और वाम दल पहले ही मैदान में उतर चुके हैं। हालांकि प्रमुख लड़ाई भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के मध्य ही होगी। इस चुनाव में जीत-हार का फैसला एक चौके से होगी। जी हां, चौके का मतलब इन दोनों पार्टियों में केवल चार फीसदी वोट का अंतर है। अभी हाल में हुए एक निजी चैनल के सर्वेक्षण से इसका खुलासा हुआ है।

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सर्वेक्षण एजेंसियों ने विधानसभा चुनावों पर एक अग्रिम जनमत सर्वेक्षण किया है। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, यदि वर्तमान में बंगाल में विधानसभा चुनाव होता है तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार सत्ता में आ सकती है। लेकिन जमीनी स्तर पर जीत के लिए तृणमूल को कड़ा संघर्ष करना होगा। पहली बार भाजपा इस विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी के तौर पर उतरेगी। इससे पहले हुए दो चुनावों में वाममोर्चा और बाद में वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन तृणमूल के लिए मुख्य प्रतिद्वंदी थे। वैसे बिहार चुनाव परिणाम पर भाजपा का भविष्य निर्भर करता है। यदि भाजपा गठबंधन के पक्ष में नतीजा आया तो भाजपा बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरी जोर लगा देगी।

2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल को 211 सीटें मिली थीं

2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल को 294 में से 211 सीटें मिली थीं। भाजपा ने 3 सीटें जीतीं थी। कांग्रेस को 44 और लेफ्ट को 32 सीटें मिली थी। लेकिन 2021 के चुनाव में आंकड़ा कुछ और ही होगा। चुनाव विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा परिस्थिति में चुनाव कराने पर ममता की तृणमूल कांग्रेस को 155 से 163 सीटें मिल सकती हैं। सरकार बनाने के लिए केवल 148 सीटों की जरूरत है। भाजपा 96 से 105 सीटें जीतकर एक मजबूत विपक्ष के तौर पर उभर सकती है। दूसरी ओर, वाम-कांग्रेस गठबंधन को 22 से 30 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है।

भाजपा के खाते में 32.64 प्रतिशत वोट

सर्वेक्षण एजेंसियों की माने तो तृणमूल कांग्रेस को 36.50 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। वहीं, 32.64 प्रतिशत वोट भाजपा की झोली में जा सकते हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, 9.93 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि वे किसको वोट देंगे। इस स्थिति में यह माना जा रहा है कि अगर 9.93 प्रतिशत मतदाता यदि तृणमूल की ओर झुकते हैं, तो तृणमूल को और अधिक सीटें मिलेगी। अगर भाजपा की ओर जाते हैं, तो भाजपा की किस्मत भी खुल सकती है। अगर इसका एक हिस्सा वामपंथी और कांग्रेस गठबंधन की ओर झुक जाता है, तो वाम-कांग्रेस गठबंधन की सीटें बढ़ जाएंगी। हालांकि, सर्वेक्षण के दौरान 81 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण को रोकने में विफल रही है। 


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