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भाजपा उपाध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष ने कहा- आइपीएस अधिकारियों ने किया वर्दी को शर्मसार, डेपुटेशन पर जाएं

पूर्व आइपीएस ने कहा वहां जो लाठी पत्थर लेकर भीड़ जुटी थी उन्हें हटाना अधिकारियों का काम था। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य पार्टी नेताओं के काफिले पर हुए हमले की घटना को लेकर पुलिस की निंदा की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 08:49 AM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 08:49 AM (IST)
भाजपा उपाध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष ने कहा- आइपीएस अधिकारियों ने किया वर्दी को शर्मसार, डेपुटेशन पर जाएं
हावड़ा के आमता में आयोजित सभा के दौरान प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष भारती घोष का स्वागत करते भाजपा नेता।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष और पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष ने पिछले दिनों दक्षिण 24 परगना जिले में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य पार्टी नेताओं के काफिले पर हुए हमले की घटना को लेकर पुलिस की निंदा की है।

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उन्होंने कहा कि नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार तीनों आइपीएस अधिकारियों ने अपना कर्तव्य का पालन न करके वर्दी को शर्मसार किया। रविवार को हावड़ा के आमता में एक सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि तीन आइपीएस अधिकारियों पर जेपी नड्डा के काफिले को सही सलामत पास करवाने का दायित्व था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। वहां जो लाठी, पत्थर लेकर भीड़ जुटी थी, उन्हें हटाना उनका काम था। कई पुलिस अधिकारी ड्यूटी पर थे, लेकिन सड़कों पर हमले की योजना बना कर खड़े तृणमूल कार्यकर्ताओं को नहीं हटाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी तृणमूल के कार्यकर्ता के तौर पर काम करके मुख्यमंत्री को खुश करने में लगे हुए हैं। उन्हें तुरंत केंद्रीय डेपुटेशन पर जाना चाहिए, क्योंकि उनका नियोक्ता राष्ट्रपति हैं। उनका काम पश्चिम बंगाल में छिप कर वर्दी का शर्मसार करना नहीं है। अगर ये अपना कर्तव्य नहीं पालन करेंगे तो बंगाल की जनता उनको घेर कर उनका कर्तव्य याद दिलाएगी‌।

गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार बेहद सख्त है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बंगाल में तैनात तीन आइपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवा देने के लिए तलब कर लिया है। हालांकि ममता सरकार ने इन अधिकारियों को भेजने से मना कर दिया है। इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने आ गई है। जिन तीन आइपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वापस बुलाया गया है उनमें राजेश मिश्रा, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोला नाथ पांडे हैं। इन्हीं तीनों अधिकारियों के ऊपर नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।

उल्लेखनीय है कि बंगाल के दौरे पर आए जेपी नड्डा के काफिले पर चार दिन पहले दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर जाते समय हमला हुआ था। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को भी चोटें आई हैं। हमले का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर है। हालांकि तृणमूल आरोपों को खारिज कर चुकी है। 


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