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बंगाल में और कठिन हुआ रथ का मार्ग

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से कम हुआ भाजपाइयों का उत्साह -गणतंत्र बचाओ यात्रा पर अनिश्चितता।

By Edited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 02:53 AM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 04:44 PM (IST)
बंगाल में और कठिन हुआ रथ का मार्ग
बंगाल में और कठिन हुआ रथ का मार्ग

कोलकाता, सुनील शर्मा। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा को लगे झटके से पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हुआ है। खासकर राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में आशा के विपरीत चुनाव परिणाम होने से भाजपा को अधिक धक्का लगा है। इसका असर पश्चिम बंगाल में भी पड़ेगा। चुनावी दंगल में भाजपा को यह झटका तब लगा है जब बंगाल में भाजपा की महत्वपूर्ण गणतंत्र बचाओ यात्रा (रथ यात्रा) निकलने वाली है।

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इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री, सांसद एवं दिग्गज नेता राज्य में शक्ति प्रदर्शन के लिए आने वाले थे। रथ यात्रा को सफल बनाने में राज्य के हर जिले एवं मंडल में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यात्रा की मंजूरी को लेकर मामला कोर्ट में है। इस पर एक से अधिक बार हुई सुनवाई में भाजपा को रथ यात्रा सफल होने की उम्मीद भी जगी थी, लेकिन इसी बीच तीन राज्यों के चुनाव परिणाम ने उम्मीदों को फीका कर दिया है। ऐसी स्थिति में राज्य के सिलीगुड़ी में 16 दिसंबर को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा भी अनिश्चितता में पड़ गई है।

इसके पहले कानूनी जटिलता के कारण कूचबिहार में सात दिसंबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा नहीं हो सकी। 7 दिसंबर से ही रथ यात्रा शुरू होने वाली थी। इसके लिए विभिन्न जिलों से नेता एवं पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे गए थे। तभी अदालत की ओर से स्थगनादेश जारी होने के कारण भाजपा ने रथ यात्रा रोक दी, लेकिन प्रदेश भाजपा दिलीप घोष ने कहा था कि यात्रा नहीं होगी, लेकिन शाह की सभा जरूर होगी। हालांकि अंत तक वहां शाह नहीं पहुंच पाए। उसके बाद अब प्रधानमंत्री की सभा भी रद हो सकती है।

इस तरह बारी-बारी से कार्यक्रमों के रद होने से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह कमजोर हो रहा है। इससे भी पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह कम हुआ है। हालांकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप का कहना है कि चुनाव परिणाम का बंगाल में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यहां भाजपा जैसे लड़ाई लड़ रही है, उसी तरह आगे भी डटकर लड़ाई लड़ेगी और यहां रथ यात्रा भी निकलेगी। गौर हो कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जनाधार मजबूत करने के लिए भाजपा ने पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा निकालने का निर्णय किया था। राज्य के सभी 42 संसदीय क्षेत्रों में रथ यात्रा पहुंचने वाली थी। प्रशासन के नकारात्मक रवैए के कारण इस यात्रा के शुरू होने के पहले से ही बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। अब उक्त चुनाव परिणाम के कारण रथ का मार्ग और भी कठिन हो गया है।


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