हिंसा में मारे गए भाजपा नेता अभिजीत सरकार का शव चार माह बाद परिवार को मिला, पार्टी मुख्यालय पर दी गई श्रद्धांजलि
बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम के दिन दो मई को कथित रूप से हुई हिंसा में मारे गए भाजपा नेता अभिजीत सरकार का शव लगभग चार माह बाद उनके परिवार को गुरुवार को सौंपा गया। शव को लाया गया पार्टी मुख्यालय दी गई श्रद्धांजलि
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम के दिन दो मई को कथित रूप से हुई हिंसा में मारे गए भाजपा नेता अभिजीत सरकार का शव लगभग चार माह बाद उनके परिवार को गुरुवार को सौंपा गया। वहीं, शव सौंपे जाने में देरी को लेकर भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, वकील प्रियंका टिबरेवाल सहित अन्य नेताओं की पुलिस के साथ झड़प भी हुई और कोलकाता के एनआरएस अस्पताल अस्पताल परिसर में इसको लेकर कुछ देर के लिए जमकर हंगामा मचा। बाद में मृत भाजपा नेता का शव स्वजनों को सौंप दिया गया।
इसके बाद 'अभिजीत सरकार अमर रहे' के नारों के बीच शव को मुरलीधर सेन लेन स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय लाया गया।यहां प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद शाम में शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि बुधवार को सियालदह कोर्ट ने अभिजीत सरकार के शव को परिवार को सौंपने का आदेश दिया था।
चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा में सरकार की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। भाजपा के श्रमिक प्रकोष्ठ के नेता सरकार कोलकाता के मानिकतल्ला इलाके के रहने वाले थे। परिवार ने इस हत्या का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर लगाया। इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर अभिजीत के शव का दो बार पोस्टमार्टम किया गया था। बाद में अभिजीत के भाई की अपील पर हाई कोर्ट ने शव की पहचान के लिए डीएनए जांच का भी निर्देश दिया था।
दरअसल, बहुत नृशंस तरीके से की गई हत्या के कारण अभिजीत के शव की पहचान ही नहीं हो पा रही थी। इसलिए कानूनी पेंच व अन्य कारणों से कई महीने तक अभिजीत का शव अस्पताल के मुर्दाघर में पड़ा रहा। इस बीच चुनाव के बाद की हिंसा की याचिकाकर्ता प्रियंका टिबरेवाल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ भाजपा नेता सरकार के शव को परिवार को देने के लिए सियालदह अदालत का रुख किया था। जिसके बाद अदालत ने शव सौंपने का निर्देश दिया था।
सीबीआइ कर रही है जांच
बता दें कि इससे पहले हाई कोर्ट ने 19 अगस्त को अभिजीत सरकार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जांच एजेंसियों को सौंपने के लिए कहा था। इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट सीबीआइ को सौंपी गई। गौरतलब है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान हत्या व दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों की जांच सीबीआइ कर रही है।अभिजीत सरकार की मौत से पहले बनाए गए फेसबुक लाइव वीडियो के बयान को सीबीआइ ने मौत के बयान के रूप में लिया है। सीबीआइ वीडियो और काल रिकार्डिंग की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए अभिजीत के मोबाइल फोन को केंद्रीय फोरेंसिक लैब भी भेजेगी।
इससे पहले सीबीआइ पहले ही दो बार अभिजीत के घर व घटनास्थल का दौरा भी कर चुकी है।सीबीआइ अधिकारी अभिजीत की मां और भाई के बयान भी ले चुके हैं।