बंगाल में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में शामिल
बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी के पुत्र व पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सोमवार को कांग्रेस से नाता तोड़कर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी के पुत्र व पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सोमवार को कांग्रेस से नाता तोड़कर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया। कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी की उपस्थिति में अभिजीत ने टीएमसी की सदस्यता ली।
तृणमूल नेताओं ने अभिजीत का पार्टी में स्वागत किया। गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी के परिवार का दशकों से कांग्रेस के साथ संबंध रहा है, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद अब अभिजीत ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है। इस मौके पर मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि बंगाल के सपूत दिवंगत प्रणब मुखर्जी की भारत ही नहीं पूरी दुनिया में एक पहचान रही है। वह हम सभी के मार्गदर्शक रहे हैं। अभिजीत के तृणमूल में शामिल होने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी।
बता दें कि पिछले महीने ही अभिजीत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से कोलकाता में मिले थे। उसके बाद से ही अटकलें तेज थी कि वह जल्द टीएमसी में शामिल होंगे। इससे पहले नौ जून को अभिजीत ने टीएमसी के जिलाध्यक्ष और जंगीपुर के सांसद समेत कई नेताओं से जंगीपुर स्थित अपने आवास पर मिले थे। अभिजीत मुर्शिदाबाद के जंगीपुर से दो बार सांसद रह चुके हैं। हालांकि इन अटकलों पर अभिजीत ने विराम लगाते हुए कहा था कि वो कांग्रेस में ही रहेंगे और उनका टीएमसी या किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने की खबरें गलत हैं।
बहन शर्मिष्ठा बोलीं- सैड!
इधर, अभिजीत का टीएमसी में जाना उनकी बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी को बिल्कुल भी रास नहीं आया। शर्मिष्ठा ने ट्वीट करते हुए इसे 'सैड' यानी निराशाजनक करार दिया। शर्मिष्ठा दिल्ली कांग्रेस की प्रमुख नेता हैं।
'एक कांग्रेस छोड़कर दूसरे कांग्रेस में आया हूं'
वहीं, टीएमसी में शामिल होने के बाद अभिजीत ने कांग्रेस में अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक कांग्रेस छोड़कर वह दूसरे कांग्रेस में आए हैं। ममता बनर्जी ने जिस तरह से भाजपा की हालिया सांप्रदायिक लहर को बंगाल में रोका, मुझे विश्वास है कि भविष्य में वह दूसरों के समर्थन से पूरे देश में ऐसा ही कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि वह एक सैनिक की तरह तृणमूल से जुड़े हैं और पार्टी के निर्देश के मुताबिक काम करेंगे।
अभिजीत के ममता के साथ अच्छे संबंध रहे हैं।
2019 के चुनाव में हार का करना पड़ा था सामना
अभिजीत ने वर्ष 2012 (उपचुनाव) और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जंगीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी।हालांकि 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।ऐसी अटकलें हैं कि टीएमसी अभिजीत को जंगीपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव में उतार सकती है।