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Bhabanipur by elections: मस्जिद के बाद अब गुरुद्वारा पहुंचीं ममता बनर्जी, सिख समुदाय से लिया आशीर्वाद

Mamata Banerjee reached Gurdwara बंगाल की मुख्यमंत्री और भवानीपुर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार ममता बनर्जी बुधवार को अचानक क्षेत्र की गुरद्वारा संत कुटिया में पहुंचीं और वहां सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 07:43 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 10:39 PM (IST)
Bhabanipur by elections: मस्जिद के बाद अब गुरुद्वारा पहुंचीं ममता बनर्जी, सिख समुदाय से लिया आशीर्वाद
भवानीपुर क्षेत्र स्थित गुरुद्वारा में सिख समुदाय के लोगों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री और भवानीपुर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार ममता बनर्जी बुधवार को अचानक क्षेत्र की गुरद्वारा संत कुटिया में पहुंचीं और वहां सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।उन्होंने गुरद्वारा में सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना भी कीं। इसके पहले ममता ने सिख समुदाय के लोगों के लिए जलेबी और लड्डू भी भिजवाई थीं। बता दें कि भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए जनसमर्थन जुटाने में जुटीं ममता इसके पहले सोमवार को क्षेत्र के एक मस्जिद में भी गईं थीं।

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इधर, गुरुद्वारा में सिख समुदाय से मुलाकात के बाद ममता ने इस अवसर पर किसान आंदोलन का भी मुद्दा उठाया। ममता ने कहा कि वह किसान आंदोलन का पूरा समर्थन करती हैं। केंद्र को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले अधिकतर किसान पंजाबी हैं। ऐसे में भवानीपुर क्षेत्र में रहने वाले सिख समुदाय के वोटरों को साधने के लिए ममता ने इस मुद्दे को उठाकर उन्हें साधने की कोशिश की। बता दें कि भवानीपुर में कुल मतदाताओं का लगभग 40 फीसद गैर बंगाली मतदाता हैं। इन 40 फीसद में गुजराती, पंजाबी और हिंदी भाषी हैं एवं इनका वोट काफी महत्वपूर्ण है।

सिखों से मांगा समर्थन, शीघ्र स्वर्ण मंदिर का भी दौरा करेंगी ममता

इस अवसर पर ममता ने सिख समुदाय के लोगों से चुनाव में समर्थन भी मांगा। ममता ने कहा कि आप लोगों की शुभकामनाएं लेने और देने के लिए आई हैं।उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर भी जाएंगी। ममता ने कहा कि बंगाल और पंजाब का रिश्ता काफी पुराना है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने पंजाब से ही शुरू करके राष्ट्र गीत लिखा था। यदि पंजाब नहीं रहता तो आजादी की लड़ाई लड़ने का हिम्मत नहीं होता। वह अंडमान निकोबार में गईं थी, वहां ज्यादा से ज्यादा नाम पंजाबी का है। चाहे भगत सिंह हो या गुरुनानक हों, चाहे आनंदपुर साहिब हो। वह उनका बहुत ही सम्मान करती हैं।

इस अवसर पर ममता ने वाहे गुरु की खालसा और वाहे गुरु की जय भी बोला और बंगाल में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों को हरसंभव मदद का भी आश्वासन दिया।इधर, गुरुद्वारा का दौरा करने के बाद ममता ने ट्वीट कर लिखा कि आज मुझे जो प्यार और समर्थन मिला है उससे मैं अभिभूत हूं। इससे मुझे आने वाले दिनों में अपने लोगों के लिए काम करते रहने के लिए और भी ऊर्जा मिलती है।

30 सितंबर को है चुनाव

गौरतलब है कि भवानीपुर समेत बंगाल में तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को वोट डाले जाएंगे और तीन अक्टूबर को मतगणना होगी। ममता नंदीग्राम से भाजपा के सुवेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं और उन्हें मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए यह उपचुनाव जीतना जरूरी है।


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