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कोलकाता में जमीनी हकीकत का आकलन करने में जुटे सियासी दल

ब्रिगेड सभा के लिए तृणमल ने झोंकी ताकत तृणमूल काग्रेस सुप्रीमो व सीएम ममता बनर्जी का मानना है कि इस साल के खत्म होते ही लोकसभा चुनाव किसी भी वक्त हो सकते हैं।

By Edited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 09:36 AM (IST)
कोलकाता में जमीनी हकीकत का आकलन करने में जुटे सियासी दल
कोलकाता में जमीनी हकीकत का आकलन करने में जुटे सियासी दल

मिलन कुमार शुक्ला, कोलकाता। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस माकपा, भाजपा, कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों ने 'जीतने की क्षमता' का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। इसके लिए सियासी दलों की ओर से आने वाले दिनों में जनसभा आयोजित की जानी है।

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राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस तरह के मूल्यांकन से सियासी दलों को राज्य में उनकी जीतने की क्षमता के बारे में समझ बेहतर होगी। साथ ही सभी 42 लोकसभा सीटों पर ताकत और कमजोरियों के बारे में समझने में मदद मिलेगी।

ब्रिगेड सभा के लिए तृणमल ने झोंकी ताकत तृणमूल काग्रेस सुप्रीमो व सीएम ममता बनर्जी का मानना है कि इस साल के खत्म होते ही लोकसभा चुनाव किसी भी वक्त हो सकते हैं। 21 जुलाई के मंच से ही उन्होंने ब्रिगेड सभा की तारीख घोषित कर दी थी। 19 जनवरी, 2019 को प्रस्तावित ब्रिगेड सभा को सफल बनाने के लिए तृणमूल ने पूरी ताकत झोंक दी है। सुश्री बनर्जी ने तमाम भाजपा विरोधी दलों को ब्रिगेड सभा में शामिल होने को आमंत्रित किया है।

रथयात्रा से राजनीतिक दृश्य बदलने में जुटी भाजपा राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी भाजपा की ओर से तीन चरणों में सात दिसंबर से रथ यात्रा शुरू की जा रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि रथयात्रा बंगाल के राजनीतिक दृश्य को बदल देगी। रथ यात्रा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित प्रमुख 70 नामचीन हस्तियों को आमंत्रण दिया गया है। प्रधानमंत्री यात्रा के समापन के दिन ब्रिगेड परेड ग्राउंड में सभा को संबोधित करेंगे।

भाजपा और तृणमूल को चुनौती देगी माकपा चंद दिनों पहले किसान रैली में भीड़ जुटा कर वाममोर्चा ने भी अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश की थी। वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस ने कहा कि अगले साल 3 फरवरी को कोलकाता की ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में वाम दलों की सभा होगी। इनका कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान वामपंथी लोकतांत्रिक एकता को कायम रखते हुए माकपा के नेतृत्व में भाजपा व तृणमूल को चुनौती दी जाएगी। समझा जाता है कि माकपा इस सभा में वाममोर्चा के घटक दलों के साथ-साथ समान विचारधारा वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को आमंत्रित कर सकती है।

रानी रासमणि से अपनी हैसियत नापेगी कांग्रेस कांग्रेस भी इस दौड़ में अन्य सियासी दलों से खुद को कम आंकने को तैयार नहीं। पार्टी रानी रासमणि में सभा कर अपनी राजनीतिक हैसियत को नापेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने संकेत दिए कि पार्टी की ओर से 12 दिसंबर को रानी रासमणि में विशाल जनसभा के साथ केंद्र व राज्य की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।


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