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बंगाल के स्कूल शिक्षक को मिला स्विट्जरलैंड में होने वाली विज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने का न्योता

इस साल इसमें 49 प्रतियोगी हैं। प्रतिभागी क्वांटम भौतिकी गुरुत्वाकर्षण प्रोटोन टाइम इत्यादि जैसे विज्ञान से जुड़े विषयों पर अपना प्रेजेंटेशन देंगे। पल्लव रायगुप्ता आसनसोल के एक निजी स्कूल में पदार्थ विज्ञान के शिक्षक हैं। कोरोना और आर्थिक तंगी के कारण भाग नहीं ले पाने की सता रही चिंता

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 02:52 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 02:52 PM (IST)
बंगाल के स्कूल शिक्षक को मिला स्विट्जरलैंड में होने वाली विज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने का न्योता
क्वांटम भौतिकी 20वीं शताब्दी का सबसे रोचक व महत्वपूर्ण सिद्धांत

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। विज्ञान के कठिन तथ्यों को आम लोगों तक सहज तरीके से पहुंचा देने के लिए आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बंगाल के आसनसोल के एक स्कूल शिक्षक को न्योता मिला है। पल्लव रायगुप्ता इस प्रतियोगिता में एकमात्र भारतीय प्रतिभागी होंगे। यह प्रतियोगिता नवंबर में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में आयोजित होगी। पल्लव रायगुप्ता को एक और जहां प्रतियोगिता के लिए न्योता मिलने की खुशी है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें इस बात की चिंता भी खाई जा रही है कि कोरोना महामारी की वजह से वे इसमें भाग लेने जा सकेंगे या नहीं। दूसरी बात यह भी है कि पल्लव रायगुप्ता आर्थिक रूप से विदेश जाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने इस बाबत राज्य सरकार से आवेदन किया है।

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गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड के दो संगठनों सार्न और स्वीस फेडरल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने संयुक्त रूप से इस प्रतियोगिता का आयोजन किया है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से विज्ञान जगत से जुड़े लोग इसमें शिरकत करते हैं। इस साल इसमें 49 प्रतियोगी हैं। प्रतिभागी क्वांटम भौतिकी, गुरुत्वाकर्षण प्रोटोन, टाइम इत्यादि जैसे विज्ञान से जुड़े विषयों पर अपना प्रेजेंटेशन देंगे। पल्लव रायगुप्ता मूल रूप से वीरभूम के सिउड़ी के रहने वाले हैं और आसनसोल के एक निजी स्कूल में पदार्थ विज्ञान के शिक्षक हैं।

गौरतलब है कि क्वांटम भौतिकी और कण भौतिकी पर इस वक्त दुनियाभर में अनुसंधान चल रहा है। क्वांटम सिद्धांत और कण भौतिकी के कठिन तथ्यों को छात्रों को आसानी से समझाने में पल्लव रायगुप्ता को महारत हासिल है। वे सालभर विभिन्न वैज्ञानिक सम्मेलनों में भी हिस्सा लेते रहते हैं।

 क्या है क्वांटम भौतिकी

क्वांटम भौतिकी 20वीं शताब्दी का सबसे रोचक व महत्वपूर्ण सिद्धांत था। यह एक ऐसा सिद्धांत है, जिसने रेडियोधर्मिता व प्रतिपदार्थ जैसी प्रक्रियाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या की। यह एक ऐसा सिद्धांत है, जिसने सूक्ष्म स्तर पर प्रकाश व कणों के व्यवहार की भी सफलतापूर्वक व्याख्या की। हालांकि क्वांटम भौतिकी के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसे आसानी से समझाया नहीं जा सकता है। क्वांटम ऑब्जेक्ट एक साथ कई अवस्थाओं व स्थानों में अस्तित्व में हो सकते हैं। अनिश्चितता व विरोधाभासों से भरे क्वांटम सिद्धांत की सबसे खास बात यह है कि वह ऑब्जेक्टिव रियलिटी अर्थात वस्तुनिष्ठ वास्तविकता के अस्तित्व पर ही उंगुली उठाता है, जिसकी वजह से वैज्ञानिक समुदाय में भी इसकी काफी आलोचना होती रही है।

21वीं सदी में वैज्ञानिक क्वांटम भौतिकी के रहस्यमय संसार की गुत्थी सुलाझाने में लगे हुए हैं, जिससे उसका अनुप्रयोग उन्नत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किया जा सके। साथ ही वैज्ञानिक क्वांटम भौतिकी और सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत को आपस में जोड़कर क्वांटम ग्रेवेटी के सिद्धांत को बल देने में लगे हुए हैं। 


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