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Bengal Politics: यूपी में खेला होबे, चार पीढ़ियों तक कांग्रेसी रहे वाराणसी के त्रिपाठी परिवार ने थामा तृणमूल का दामन

Bengal Politics ममता बनर्जी ने कांग्रेस से जुड़े उस परिवार में सेंधमारी की है जो कई दशकों से गांधी परिवार के करीबी के रूप में जाना जाता रहा है। यह परिवार स्वतंत्रता सेनानी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी का है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 11:36 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 11:36 AM (IST)
Bengal Politics: यूपी में खेला होबे, चार पीढ़ियों तक कांग्रेसी रहे वाराणसी के त्रिपाठी परिवार ने थामा तृणमूल का दामन
तृणमूल ने उत्तर प्रदेश (यूपी) में भी कांग्रेस में सेंधमारी शुरू कर दी है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही तृणमूल ने उत्तर प्रदेश (यूपी) में भी कांग्रेस में सेंधमारी शुरू कर दी है। कांग्रेस को तोड़कर 1998 में अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस बनाने वाली ममता बनर्जी छह माह पहले तक बंगाल में ही अपनी पुरानी पार्टी (कांग्रेस) में सेंध लगाकर उनके नेताओं को तोड़ रही थीं।

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अब राष्ट्रीय स्तर पर यह खेल शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत असम की पूर्व सांसद व सुष्मिता देव को पार्टी शामिल कराकर ममता ने शुरू की है। इसके बाद गोवा और अब यूपी में कांग्रेस को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया। इसी रणनीति के तहत ममता ने कांग्रेस से जुड़े उस परिवार में सेंधमारी की है जो कई दशकों से गांधी परिवार के करीबी के रूप में जाने जाता रहा है। यह परिवार स्वतंत्रता सेनानी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी का है।

कुछ दिनों पहले यूपी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कमलापति त्रिपाठी के परपोते राजेश त्रिपाठी ने अपने पुत्र ललितेश पति त्रिपाठी के साथ सोमवार को सिलीगुड़ी में तृणमूल का दामन थाम लिया। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा- हमलोग यूपी का काम करेंगे तो यूपी के लोगों से ही कराएंगे, लेकिन हम साथ में रहेंगे। हम गोवा में काम करेंगे तो गोवा के लोगों से ही कराएंगे, हम साथ में रहेंगे। हम सात बार सांसद रहे हैं और पूरे भारत को जानते हैं। हमने कई मंत्रलयों में काम किया है। उत्तर-पूर्व, यूपी से लेकर गोवा तक को जानते हैं।

आखिरी बार गोवा में हम 2010 में गए थे। जब फिल्म फेस्टिवल हुआ था। हम कई बार यूपी भी गए हैं। पंजाब के तमाम जिलों में घूमी हूं। रेल मंत्री के नाते भी अनेक जगहों पर जाना हुआ। अखिलेश यादव भी हमारे छोटे भाई की तरह हैं। हम उसकी इज्जत करते हैं। ऐसा नहीं है कि हम उसके खिलाफ जा रहे हैं। चुनाव लड़ने से भी ज्यादा जरूरी है मानवता का काम। आज मुद्दे उठाए नहीं जाते हैं। आज सब्जी का भाव देखिए क्या है।

वहीं, ललितेश पति त्रिपाठी ने इस दौरान कहा कि हम लोग भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ सकते हैं। बंगाल के लोगों ने यह संदेश भेजने का काम किया है। हम लोगों ने सिर्फ उस संदेश को स्वीकारा है। उस संदेश को लेकर हम ममता दीदी के पास आए हैं। इसी से समझा जा सकता है कि कांग्रेस को ममता कहां तक नुकसान पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है।


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