Bengal News: CBI को मवेशी तस्करी मामले के आरोपित अब्दुल लतीफ की 40 से अधिक संपत्तियों का पता चला, कीमत 50 करोड़
Bengal News सूत्रों के मुताबिक जमा कराए गए दस्तावेजों की जांच के बाद मवेशी तस्करी मामले के आरोपित अब्दुल लतीफ की कई संपत्तियों का पता चला है। अनुब्रत मंडल के करीबी माने जाने वाले बोलपुर के प्रमोटर राणा सरकार ने गुरुवार को रतनकुठी में सीबीआइ अधिकारियों से मुलाकात की।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीबीआइ को मवेशी तस्करी मामले के आरोपित अब्दुल लतीफ की 40 से अधिक संपत्तियों के बारे पता चला है, जिसकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
अतिरिक्त जिला उप पंजीयक कार्यालय बोलपुर के मुख्य लिपिक समशेर अली दस्तावेजों के साथ शांतिनिकेतन के रतनकुठी स्थित सीबीआइ के अस्थायी शिविर कार्यालय गए और जांचकर्ताओं से मिले। वह वहां डेढ़ घंटे तक रहे। सूत्रों के मुताबिक जमा कराए गए दस्तावेजों की जांच के बाद मवेशी तस्करी मामले के आरोपित अब्दुल लतीफ की कई संपत्तियों का पता चला है।
अनुब्रत मंडल के करीबी माने जाने वाले बोलपुर के प्रमोटर राणा सरकार ने गुरुवार को रतनकुठी में सीबीआइ अधिकारियों से मुलाकात की। उसी दिन समशेर को भी दस्तावेजों के साथ रतनकुठी में प्रवेश करते देखा गया।
सीबीआइ सूत्रों के अनुसार समशेर द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जांच के बाद, अधिकारियों को मवेशी तस्करी मामले के आरोपित अब्दुल लतीफ की 40 से अधिक संपत्तियां मिलीं हैं, जिसकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसके अलावा सीबीआइ को नाज मार्बल की दुकान के पीछे जमीन का एक बड़ा प्लाट भी मिला है।
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अधिकारियों के मुताबिक इस जमीन का मालिकाना हक मवेशी तस्करी मामले के मुख्य आरोपित इनामुल हक और अब्दुल लतीफ के नाम है। अधिकारियों का शुरू में अनुमान है कि उस जमीन का मौजूदा बाजार मूल्य 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है। सीबीआइ अधिकारियों से बात करने के डेढ़ घंटे बाद समशेर रतनकुठी से निकल गए।
अनुब्रत ने बैंक अधिकारी को दिए छह करोड़ रुपये
अदालत को सौंपे गए आरोपपत्र में सीबीआइ ने दावा किया कि शांतिनिकेतन में सोनाजुरी के पास एक होम-स्टार के नाम से बनाए गए खाते का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के लिए किया गया था। अनुब्रत को इस काम में सुब्रत बिस्वास नामक एक पूर्व बैंकर द्वारा सहायता प्रदान की गई थी।
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चार्जशीट में दावा किया गया है कि अनुव्रत ने 2018 की आखिरी तिमाही से लेकर 2022 तक कई चरणों में बैंक कर्मचारी को पांच करोड़ 92 लाख रुपये दिए। सीबीआइ ने यह भी दावा किया कि सुब्रत ने अनुब्रत के परिवार के खाते में पैसे भेजने की व्यवस्था की।