आयुष्मान भारत योजना में बंगाल भी शामिल, ममता सरकार ने किया समझौते पर हस्ताक्षर
ममता सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मोदी सरकार के तमाम फैसले व हर योजना का विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार आखिरकार काफी इंतजार के बाद केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को राज्य में लागू करने के लिए तैयार हो गई है। राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर कर दिया है। हालांकि पश्चिम बंगाल में यह योजना 'आयुष्मान भारत व स्वास्थ्य साथी' के संयुक्त बैनर तले लागू होगी। राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से यह योजना यहां लागू करने पर बनी सहमति के बाद ही हस्ताक्षर किया है।
आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एबी-एनएचपीएम) के चीफ एक्जीक्यूटिव इंदु भूषण ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अनिल वर्मा ने संयुक्त तौर पर इसे लागू करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भूषण के अनुसार, समझौते के तहत राज्य सरकार को उम्मीद है कि नई स्वास्थ्य योजना के शुरू होने के बाद इसके दायरे में 11 लाख परिवार आ जाएंगे जिन्हें सालाना पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।
वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार की स्वास्थ्य साथी योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में 4.12 लाख परिवार सूचीबद्ध हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 6.29 लाख परिवार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आते हैं। आयुष्मान भारत में इन योजनाओं के विलय के बाद लाभार्थियों की संख्या काफी बढ़ जाएगी।