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बंगाल के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने लोगों को बंगाली नववर्ष की शुभकामनाएं दी

राज्यपाल ने ट्वीट किया पोइला बैशाख के मौके पर आप सभी को बधाई। शुभ नववर्ष आपके और आपके परिवार में खुशियां एवं समृद्धि लाये। पश्चिम बंगाल एवं सर्वत्र भयशून्य चित्त और उच्च शीर की भूमि सृजित करने का गुरूदेव का सपना साकार हो।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 15 Apr 2022 02:05 PM (IST)Updated: Fri, 15 Apr 2022 02:10 PM (IST)
बंगाल के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने लोगों को बंगाली नववर्ष की शुभकामनाएं दी
बंगाल के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने लोगों को बंगाली नववर्ष की शुभकामनाएं दी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को पोइला बैशाख अर्थात बंगाली नववर्ष के मौके पर लोगों को बधाई दी। पोइला बैशाख बंगाली कैलेंडर का पहला दिन है। इसे बांग्ला नववर्ष भी कहा जाता है। पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा एवं बांग्लादेश में इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, नववर्ष 1429 मंगलमय हो। आप सभी को बहुत- बहुत शुभकामनाएं एवं बधाइयां। स्वस्थ रहें, सुखी रहें, आने वाले दिनों में आनंदित रहें।मुख्यमंत्री ने यह ट्वीट बंगाली में किया।

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वहीं, राज्यपाल ने ट्वीट किया, पोइला बैशाख के मौके पर आप सभी को बधाई। शुभ नववर्ष आपके और आपके परिवार में खुशियां एवं समृद्धि लाये। पश्चिम बंगाल एवं सर्वत्र भयशून्य चित्त और उच्च शीर की भूमि सृजित करने का गुरूदेव का सपना साकार हो। इधर, पोइला बैशाख के मौके पर बंगाली समुदाय के लोगों ने सुबह से ही एक दूसरे से मिलकर बधाई दी और मिठाई भी भेंट की। बंगाल में इसकी परंपरा रही हैं। वहीं, विभिन्न मंदिरों में भी पूजा के लिए सुबह से भीड़ देखी गई। नववर्ष के दिन खासकर बंगाली समुदाय के लोगों ने पारंपरिक वस्त्र में मंदिरों में जाकर पूजा- अर्चना की।

बता दें कि इससे पहले बंगाली नववर्ष की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कालीघाट मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना भी की थीं। मंदिर में पूजा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए ममता ने कहा कि उन्होंने मां काली से सभी के खुशहाली, समृद्धि एवं देश में शांति की कामना की हैं। मंदिर से निकलने के बाद माथे पर भगवा रंग की टीका लगाए नजर आईं ममता ने हालांकि इस दौरान मीडिया से राजनीतिक मुद्दे पर कोई बात नहीं कीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हर साल बांग्ला नववर्ष (15 अप्रैल) से पहले कालीघाट मंदिर आती रही हैं और सभी के लिए मंगलकामना करतीं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मैं जिंदा रहूंगी इसका पालन करूंगी। ममता ने कहा कि राजनीति का मतलब लोगों की सेवा है। सभी अच्छे से रहें, सभी का परिवार खुशहाल रहे, यही मैं कामना करती हूं।बता दें कि कालीघाट मंदिर से कुछ दूरी पर ही हरिश चटर्जी रोड में ममता का घर भी है, जहां वह रहती हैं। 


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