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14 जिलों में खादी विकास बोर्ड स्थापित करेगी बंगाल सरकार

पश्चिम बंगाल खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (डब्लूबीकेवीआईबी) राज्य में रेशमी खादी के विकास के लिए एक परियोजना शुरू कर रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 02:39 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 02:39 PM (IST)
14 जिलों में खादी विकास बोर्ड स्थापित करेगी बंगाल सरकार
14 जिलों में खादी विकास बोर्ड स्थापित करेगी बंगाल सरकार

कोलकाता, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल सरकार के वित्त व उद्योग विभाग ने राज्यभर के 23 में से 14 जिलों में खादी विकास बोर्ड की शाखाएं खोलने का निर्णय लिया है ताकि वहां के उद्यमियों को प्रशिक्षित कर और अधिक सक्षम तथा खाद्य विपणन के लिए अनुकूल माहौल बनाया जा सके। बुधवार को इस बारे में विभाग की ओर से जानकारी दी गई है।

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इसमें बताया गया है कि पश्चिम बंगाल खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (डब्लूबीकेवीआईबी) राज्य में रेशमी खादी के विकास के लिए एक परियोजना शुरू कर रहा है। परियोजना में 23 जिलों में से 14 में विकास बोर्ड की शाखाएं खोली जाएंगी जो क्षेत्र के खादी उद्यमियों के लिए मददगार साबित होगा। डब्लूबीकेवीआईबी के सीईओ ने कहा कि मुख्य उद्देश्य बुनियादी बाजार मांग के मुताबिक उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कारीगरों को प्रशिक्षित करना है।

जिलों में खुलने वाली बोर्ड की शाखाएं प्रत्येक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे विकसित करने के साथ-साथ खादी उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच तैयार करेगा। अन्य मूलभूत जरूरतें विकसित करने के लिए भंडारण सुविधा, गुणवत्ता नियंत्रण, परीक्षण सुविधा और ब्रांडिंग शामिल हैं। परियोजना के लिए निर्धारित 14 जिलों को खादी उद्योग की मौजूदगी के अनुसार पिछड़े और गैर-पिछड़े वर्ग में विभाजित किया गया है। ''पिछड़ी'' श्रेणी में पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर, बांकुड़ा, बीरभूम, मालदा, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दक्षिणी दिनाजपुर और उत्तर दिनाजपुर हैं, जबकि ''गैर-पिछड़ी'' श्रेणी में पूर्व बर्दवान, पश्चिम बर्दवान, हुगली, हावड़ा और नदिया को शामिल किया गया है। इन सभी जिलों में बोर्ड की शाखाएं खोली जाएंगी।

''पिछड़े'' श्रेणी वाले 9 जिलों में, 2,340 कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाएगा जबकि ''गैर-पिछड़े'' श्रेणी वाले 5 जिलों में, 1,900 कारीगरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी सूची भी तैयार कर ली गई है। जनवरी महीने से इस पर काम शुरू किया जा सकता है। यह उल्लेख किया जा सकता है कि वर्तमान में बंगाल में रेशम खादी के क्षेत्र में काम कर रहे लगभग 31 खादी संस्थान हैं जिन्हें विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार बड़े पैमाने पर काम कर रही है।


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