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West bengal: बंगाल में कई रेल परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने दिए महज एक-एक हजार रुपये!

बंगाल सरकार ने केंद्र पर बंगाल में कई रेलवे परियोजनाओं के लिए फंड का आवंटन कम करने का आरोप लगाया है। राज्य की नारी एवं बाल कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि 2019 में कई रेल परियोजनाओं के लिए 1000 रुपये की टोकन राशि दी गई है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 07:55 PM (IST)
West bengal: बंगाल में कई रेल परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने दिए महज एक-एक हजार रुपये!
बंगाल सरकार ने केंद्र पर बंगाल में कई रेलवे परियोजनाओं के लिए फंड का आवंटन कम करने का आरोप लगाया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल सरकार ने केंद्र पर बंगाल में कई रेलवे परियोजनाओं के लिए फंड का आवंटन कम करने का आरोप लगाया है। राज्य की नारी एवं बाल कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि 2019 में कई रेल परियोजनाओं के लिए 1,000 रुपये की टोकन राशि दी गई है। रेलवे ने 2018 में सियालदह कोच फैक्ट्री के लिए आवंटन राशि चार करोड़ रुपये से घटाकर 2019 में 1,000 रुपये कर दी। इसी तरह, आसनसोल/हावड़ा कोच वर्कशाप, दीघा-जलेश्वर, आरामबाग-चापाडांगा, जयरामबाटी-तारकेश्वर रेललाइन परियोजनाओं के लिए भी एक-एक रुपये आवंटित किए गए हैं। लक्ष्मीकांतपुर-नामखाना रेललाइन के लिए हालांकि 10 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। 

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डॉ. पांजा ने सवाल किया कि अगर आम जनता के लिए तैयार की गई परियोजनाओं के लिए फंड आवंटित नहीं किया जाएगा तो रेलवे अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाह कैसे करेगा? उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रेलमंत्री रहते तैयार की गईं 10 आधुनिकीकरण परियोजनाओं की भी बात कही, जिन्हें खारिज कर दिया गया है। डॉ. पांजा ने कहा-'केंद्र इसके बजाय गुजरात में बुलेट ट्रेन शुरू करना चाहता है। हर किलोमीटर के लिए बुलेट ट्रेन चलने पर180 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जरा सोचिए, उस मामले में कुल खर्च क्या होगा। हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, हम सिर्फ प्राथमिकताओं के बारे में बात कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि ममता सरकार के दुआरे सरकार (दरवाजे पर सरकार) अभियान को भारी प्रतिक्रिया मिल रही है।


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