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Bengal coronavirus:जिलाधिकारियों को 100 फीसद तैयार रहने का निर्देश, अन्‍य राज्‍यों को ऑक्‍सीजन नहीं देगा बंगाल

कोरोना को लेकर बंगाल सरकार ने जिलाधिकारियों को 100 प्रतिशत तैयार रहने का निर्देश दिया है। इस कड़ी में मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने जिलों को राज्य में कोरोना की चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 07:35 PM (IST)
Bengal coronavirus:जिलाधिकारियों को 100 फीसद तैयार रहने का निर्देश, अन्‍य राज्‍यों को ऑक्‍सीजन नहीं देगा बंगाल
मुख्य सचिव ने कोरोना से निपटने के लिए जिलाधिकारियों के साथ की बैठक

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना को लेकर बंगाल सरकार ने जिलाधिकारियों को 100 प्रतिशत तैयार रहने का निर्देश दिया है। इस कड़ी में मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने जिलों को राज्य में कोरोना की चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को जिलाधिकारियों के साथ एक बैठक में उन्होंने प्रत्येक जिले में कोरोना स्थिति पर कड़ी नजर रखने और नियमित रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। इसके साथ चिकित्सा से जुड़ी आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति पर नजर रखने के लिए कहा गया है।

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मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना से निपटने में कोई भी जिला धीमा नहीं होना चाहिए। यहां तक कि जिन जिलों में संक्रमण कम है, वहां 100 प्रतिशत तैयारी की जानी चाहिए। विशेष रूप से जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऑक्सीजन की आपूर्ति किसी भी तरह से बाधित न हो। मुख्य सचिव के अनुसार, जिला प्रशासन को कोरोना के इलाज के लिए सभी आवश्यक सामग्रियों और दवाओं की आपूर्ति की निगरानी करनी है। यदि किसी वस्तु की कमी है, तो केंद्र सरकार को तुरंत सूचित किया जाना चाहिए।

इसके अलावा जिले में प्रतिदिन कितने संक्रमण हो रहे हैं।  कितनी मौतें हो रही हैं। उपचार की लागत के बारे में स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना होगा। कोरोना उपचार के लिए आवश्यक कोई भी सामग्री बर्बाद न हो, इस पर ध्यान रखना होगा। कोरोना पिछले साल राज्य में मुख्य रूप से शहरों में केंद्रित था। इस बार जिलों में संक्रमण खतरनाक दर से बढ़ा है। नतीजतन, राज्य सचिवालय भी चिंतित है।

अन्य राज्यों को ऑक्सीजन नहीं भेजना चाहता बंगाल

-राज्य ने केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि महामारी संकट की स्थिति में राज्य में उत्पादित ऑक्सीजन को अन्य राज्यों में नहीं भेजा जाना चाहिए। राज्य सरकार ने गुरुवार को केंद्र को सूचित किया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि यहां कोरोनोवायरस मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राज्य में सरकार, अद्र्ध-सरकारी और निजी क्षेत्र की ओर से उत्पादित ऑक्सीजन की पूरी मात्रा वर्तमान में राज्य में कोरोना पीडि़तों के इलाज के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है।

सूत्रों के मुताबिक, राज्य को इलाज के लिए रोजाना 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होती है। लेकिन केंद्र के निर्देशन में राज्य को 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति दूसरे राज्यों को करनी पड़ रही है। परिणामस्वरूप, राज्य को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर स्वाभाविक रूप से दबाव है। शुक्रवार को दुर्गापुर में एक वर्चुअल सभा में मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र की भूमिका की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘बंगाल से उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। अगर बंगाल को जरूरत पड़ेगी तो उसकी आपूर्ति कैसे होगी?’ उन्होंने टीकों की आपूर्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि गुजरात को 60 फीसद वैक्सीन की आपूर्ति की गई है और शेष वैक्सीन दूसरे राज्यों में भेजी जा रही है। केंद्र बंगाल को कम वैक्सीन दे रहा है।


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