पूर्वी मेदिनीपुर की 16 विधानसभा सीटों का हाल : सुवेंदु अधिकारी परिवार के रसूख से टीएमसी को मिल रही कड़ी चुनौती
नंदीग्राम समेत जिले की सभी सीटों पर भाजपा सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को कड़ी चुनौती पेश कर रही है। ज्यादातर सीटों पर भाजपा व तृणमूल में सीधी लड़ाई है। वर्तमान में यहां की 16 सीटों में से 14 पर टीएमसी का कब्जा है जबकि दो पर सीपीएम काबिज है।
अनूप कुमार, पूर्वी मेदिनीपुर। Bengal Chunav पूर्वी मेदिनीपुर की कुल 16 विधानसभा सीटों पर पहले (27 मार्च) और दूसरे चरण (एक अप्रैल) में वोट डाले जाएंगे। इस जिले की नंद्रीग्राम सीट पर पूरे देश की निगाहें लगी हैं, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सुवेंदु अधिकारी चुनौती दे रहे हैं। अधिकारी परिवार का जिले में काफी रसूख है। यही वजह है कि नंदीग्राम समेत जिले की सभी सीटों पर भाजपा सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को कड़ी चुनौती पेश कर रही है। ज्यादातर सीटों पर भाजपा व तृणमूल में सीधी लड़ाई है। वर्तमान में यहां की 16 सीटों में से 14 पर टीएमसी का कब्जा है, जबकि दो पर सीपीएम काबिज है।
नंदीग्राम : ममता बनर्जी इस बार अपनी भबानीपुर की सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव मैदान में हैं। तृणमूल से बागी होकर भाजपा में आए सुवेंदु अधिकारी उन्हें यहां चुनौती दे रहे हैं। सुवेंदु को दगाबाज और अकूत संपत्ति अॢजत करने का आरोप लगा ममता उन्हें घेरने का प्रयास कर रही हैं, तो सुवेंदु ममता को बाहरी बता रहे हैैं। लोगों से कह रहे कि वह ही उनके बीच रहते हैं, दीदी तो अब वोट मांगने आई हैं। ङ्क्षहदुत्व व बदलाव का मुद्दा यहां प्रभावी है। दीदी को वोट देने वाले मुखर हैं तो भाजपा को चाहने वाले खामोश। मुकाबला कांटे का है।
कांथी दक्षिण : अधिकारी परिवार का गढ़ माने जाने वाले कांथी दक्षिण सीट से टीएमसी ने पटाशपुर के निवर्तमान विधायक ज्योॢतमय कर को मैदान में उतारा है। 2016 में यहां से सुवेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु चुनाव जीते थे, लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यहां हुए उपचुनाव में टीएमसी की चंद्रमा भट्टाचार्य चुनाव जीतीं, जो राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनीं। भाजपा ने अरूप कुमार दास को उतारा है। अधिकारी परिवार इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है।
कांथी उत्तर : भाजपा ने सुनीता सिंघा, टीएमसी ने तरुण कुमार जाना व माकपा ने शांतनु माइति को मैदान में उतरा है। टीएमसी की निवर्तमान विधायक बनश्री माइति भाजपा में शामिल हो गईं थीं, लेकिन उन्हें भाजपा का भी टिकट नहीं मिला। ऐसे में तीनों चेहरे नए हैं। भाजपा व टीएमसी के बीच सीधा मुकाबला है।
पटाशपुर : पटाशपुर सीट से तृणमूल से उत्तम बारिक, भाजपा से अंबुजाक्ष महंती व भाकपा की ओर से सैकत गिरि मैदान में हैं। तीनों चेहरे नए हैं। भाजपा व टीएमसी के बीच कांटे का मुकाबला है। युवा तुर्क उत्तम मुस्लिम वोटरों को समेटने में लगे हैं तो भाकपा उसमें सेंधमारी की कोशिश कर रही। धुव्रीकरण में ङ्क्षहदू वोटर भाजपा के पक्ष में गोलबंद हो रहा है, जिसका उसे फायदा हो सकता है।
हल्दिया : हल्दिया सीट से तृणमूल ने इस बार स्वपन नष्कर को उतारा है। माकपा छोड़कर भाजपा में आईं निवर्तमान विधायक तापसी मंडल इस बार भगवा झंडा थामे हैं। तापसी मंडल अपने प्रभाव और भाजपा की लहर पर सवार होकर मजबूत स्थिति में दिख रही हैं।
चंडीपुर : टीएमसी ने बांग्ला फिल्मों के अभिनेता सोहम चक्रवर्ती और भाजपा ने पुलक कांति गुडिय़ा को मैदान में उतारा है। भाजपा के लोग यहां चक्रवर्ती को बाहरी बताकर हमलावर हैं। यहां टीएमसी के निवर्तमान विधायक अमियकांति भट्टाचार्य को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं व जनमानस में असंतोष था। इस वजह से भी भाजपा यहां भारी पड़ सकती है।
भगवानपुर : तृणमूल ने निवर्तमान विधायक अर्धेंदु माइति और भाजपा ने रवींद्रनाथ माइति को मैदान में उतारा है। अर्धेंदु क्षेत्र में अपने कामों के बूते वोट मांग रहे हैं तो भाजपा बदलाव और विकास के नाम पर उन्हें चुनौती दे रही है। इन्हीं में सीधा मुकाबला है।
एगरा : यहां से इसबार तृणमूल ने तरुण माइति, भाजपा ने अरूप दास, कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन ने कांग्रेस के मानस कुमार को मैदान में उतारा है। भाजपा व टीएमसी के बीच कांटा फंसा है।
खेजुरी : तृणमूल से पार्थ प्रतिम दास, भाजपा से शांतनु प्रमाणिक तो कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन से माकपा के हिमांशु दास मैदान में हैं। यहां से टीएमसी के निवर्तमान विधायक रंजीत मंडल सुवेंदु अधिकारी के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन भाजपा ने इन्हेंं प्रत्याशी नहीं बनाया। दीदी बनाम दादा का मुद्दा ही यहां प्रभावी है।
रामनगर : यहां से टीएमसी के निवर्तमान विधायक अखिल गिरि, भाजपा से स्वदेश रंजन नायक व माकपा ने सव्यसाची जाना मैदान में हैं। भाजपा कट मनी व तुष्टीकरण का मुद्दा उठाकर यह सीट छीनने की कोशिश में लगी है।
तमलुक : यहां से इस बार टीएमसी के डा. सौमेन कुमार महापात्रा मैदान में हैं, जबकि विगत विधानसभा चुनाव में वह पिंगला से खड़े हुए थे। भाजपा ने हरेकृष्ण बेरा और माकपा ने गौतम पांडा को मौका दिया है। यह सीट भी अधिकारी परिवार के प्रभाव की है। इस लिहाज से यहां भाजपा का पलड़ा भारी माना जा रहा है।
पांशकुड़ा पूर्व : इस बार यहां से टीएमसी के विप्लब रायचौधरी, भाजपा के देवव्रत पटनायक और माकपा के निवर्तमान विधायक शेख इब्राहिम अली चुनावी मैदान में हैं। माकपा की यह सीट छीनने को भाजपा और टीएमसी जोर लगाए है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय है।
पांशकुड़ा पश्चिम : तृणमूल ने निवर्तमान विधायक फिरोजा बीवी, भाजपा ने शिंटू सेनापति को मौका दिया है। मुकाबला इन्हीं दोनों में है। दीदी का चेहरा और अल्पसंख्यक वोटों के भरोसे जीतीं फिरोजा को ङ्क्षहदू वोटों के धुव्रीकरण होने से नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मोयना : यहां से भाजपा ने पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा, कांग्रेस ने मानिक भौमिक व टीएमसी ने निवर्तमान विधायक संग्राम कुमार दलोई को टिकट दिया है। अपने व्यवहार और कार्यों को लेकर संग्राम लोगों में पैठ बनाए हुए हैं, लेकिन बंगाल में स्टार्स को मिलने वाला प्यार डिंडा के पक्ष में है।
नंदकुमार : तृणमूल ने निवर्तमान विधायक सुकुमार दे को उतारा है, जिनकी छवि क्षेत्र में अच्छी है। भाजपा ने निलांजन अधिकारी को मौका दिया है, जो टीएससी के कुशासन और कट मनी जैसे मुद्दों पर उन्हें घेरने की कोशिश में हैं। इन दोनों में आमने-सामने की लड़ाई है।
महिषादल : तृणमूल ने यहां के निवर्तमान विधायक डा. सुदर्शन को बदलकर स्थानीय नेता तिलक चक्रव्रर्ती को उतारा है। टीएमसी अपने मजबूत कैडर की बदौलत तो भाजपा यहां टीएमसी के भ्रष्टाचार, खासकर एम्फन के राहत कोष की लूट को मुद्दा बना रही है।