Bengal Chunav: उम्मीदवारों की घोषणा के बाद 'बाहरी' मुद्दा तृणमूल के लिए बना गले की हड्डी
West Bengal Assembly Election 2021 विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ बाहरी का मुद्दा जोर-शोर से उछाला है लेकिन 2021 के विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद यह मुद्दा उसके लिए खुद गले की हड्डी बन गया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ 'बाहरी' का मुद्दा जोर-शोर से उछाला है, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद यह मुद्दा उसके लिए खुद गले की हड्डी बन गया है। दरअसल तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची के एलान के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों से भूमिपुत्र यानी स्थानीय उम्मीदवारों की मांग बढ़ गई है। स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने 'बाहरी' उम्मीदवारों को स्वीकार नहीं करने की चेतावनी दी है। तृणमूल कांग्रेस ने कई सीटों पर स्थानीय उम्मीदवार की जगह बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया है।
पिछले कुछ महीनों से बंगाल की राजनीति 'बाहरी' का मुद्दा छाया हुआ है। तृणमूल कांग्रेस भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह, जेपी नड्डा, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बाहरी व्यक्ति करार दे रही है। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी भी इस मुद्दे पर मुखर हैं और बार-बार कहती हैं कि बाहरी लोग को बंगाल में राज करने नहीं देंगे। लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए कल तृणमूल की ओर से पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा के बाद 'बाहरी' का मुद्दा उल्टे उस पर भारी पड़ गया है। कई सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने से इसका रोष देखने को मिल रहा है। इसे लेकर एक तरफ जहां कोलकाता में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला वहीं दूसरी तरफ कई जगहों पर पार्टी कार्यालयों को तोड़ दिया गया है। बांकुड़ा में सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया था।
उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद कई जगहों पर हंगामा हुआ।
स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मांग की कि दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में स्थानीय नेता अराबुल इस्लाम को उम्मीदवार बनाया जाए। घोषित उम्मीदवार को रद करना होगा। बांकुड़ा में तृणमूल नेत्री शम्पा दरिपा बाहरी उम्मीदवार को लेकर मुखर रही हैं। केशियारी में बाहरी उम्मीदवार को लेकर मुखर होने के बाद कल्पना सिट ने तृणमूल युवा राज्य सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है।
सिलीगुड़ी में तृणमूल नेता नंटू पाल ने तृणमूल उम्मीदवार के खिलाफ अपनी बात रखी है। स्थानीय उम्मीदवार की भी मांग है। कोलकाता से सटे बैरकपुर में बाहरी उम्मीदवार को लेकर स्थानीय तृणमूल नेता उत्तम दास ने पार्टी नेतृत्व पर गुस्सा जाहिर किया। केवल सार्वजनिक रूप से नहीं बल्कि पार्टी के भीतर भी तथा इंटरनेट मीडिया पर बाहरी उम्मीदवारों को लेकर स्थानीय तृणमूल नेता मुखर हैं।