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Bengal Assembly Elections 2021: ममता सरकार ने सौरव से जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की

प्रक्रिया-2013 में ममता बनर्जी की सरकार ने स्कूल बनाने के लिए दी थी जमीनसौरव ने जमीन वापस लेने का किया था आवेदन पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी राज्य की सत्ता पर काबिज होने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 09:18 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 09:18 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: ममता सरकार ने सौरव से जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की
ममता बनर्जी की सरकार ने स्कूल बनाने के लिए सौरव गांगुली को दी थी जमीन।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली की मुलाकात के बाद अब ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें दी गई जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके पहले गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय की ओर से ममता सरकार पर असहयोग का आरोप लगाए जाने के बाद राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय को दी गई सडक़ वापस ले ली है।

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दरअसल पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी राज्य की सत्ता पर काबिज होने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। ऐसी चर्चा है कि सौरव गांगुली भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इस बीच गांगुली के भाजपा नेताओं के साथ बढ़ती नजदीकियों को लेकर भी सुर्खियां बन रही हैं। ऐसे में ममता बनर्जी की सरकार ने अब न्यू टाउन में सौरव गांगुली को दी गई जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश वेस्ट बंगाल इंफ्रास्ट्रक्चर हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन (हिडको) को दिया है।

इस बारे में हिडको के चेयरमैन देवाशीष सेन ने बताया कि सौरव गांगुली ने ही जमीन वापस लेने के लिए आवेदन किया था। उसी के मुताबिक उनके द्वारा किए गए भुगतान को वापस कर जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

ममता बनर्जी की सरकार ने स्कूल बनाने के लिए दी थी जमीन

दरअसल 2013 में ममता बनर्जी की सरकार ने जमीन सौरव गांगुली को स्कूल बनाने के लिए न्यूटाउन के एक्शन एरिया में दो एकड़ की दी थी। सौरव गांगुली ने गरीब परिवार के बच्चों के पठन-पाठन के लिए यहां स्कूल बनाने की इच्छा जताई थी। बाद में इसी साल अगस्त महीने में उन्होंने राज्य सरकार को एक चि_ी लिखी थी जिसमें जमीन वापस लेने का आवेदन किया था और कहा था कि स्कूल बनाने का अपना निर्णय वह फिलहाल रद कर चुके हैं। इसके बाद अगस्त से लेकर दिसंबर तक राज्य सरकार ने इस मामले में कुछ भी नहीं किया था और चुप्पी साध रखी थी। 


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