कार्निवल में दिखेगी कैदियों के हाथों की कारीगरी
छोटे-मोटे अपराधों में राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लौटाने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बर्द्धमान जिले में केंद्रीय संशोधनागार की ओर शीतकालीन मेले का आयोजन किया गया है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता : छोटे-मोटे अपराधों में राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लौटाने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बर्द्धमान जिले में केंद्रीय संशोधनागार की ओर शीतकालीन मेले का आयोजन किया गया है। कारा विभाग की अगुआई में आयोजित मेला 25 जनवरी को शुरू होगा, जो 26 जनवरी तक चलेगा। इसमें राज्यभर की जेलों में कैद कैदियों के हाथों निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें सबसे ज्यादा चर्चित तांत और मधुबनी की मिथिला पेंटिंग्स से सजी साड़ियां होंगी।
मेले में कोलकाता, बारुईपुर, मेदिनीपुर और बहरमपुर आदि जेलों में बंद कैदी कड़ी मेहनत कर मधुबनी की मशहूर साड़ियों को बनाने में जुटे हैं क्योंकि इसकी मांग सबसे ज्यादा है। इस बार मधुबनी साड़ियों की बिक्री भी अधिक होने का अनुमान है। मेले में कैदियों द्वारा निर्मित टेराकोटा गहना, नक्काशी वाला बैग, बाधनी, बूटीक, कुर्ती, कुर्ता, पंजाबी, टीशर्ट, कुकीज, सरसों तेल, गमछा, चादर और पाट से निर्मित अन्य उत्पाद आदि के स्टॉल शामिल होंगे।
प्रदर्शनी मेले में खरीदारी के अलावा खाने-पीने की चीजें भी भरपूर मिलेंगी। खाने-पीने का सामान भी जेल में बंद महिला और पुरुष कैदी के हाथों ही बने होंगे। इसमें आर्गेनिक सब्जियां भी होंगी।
मेले को आकर्षित बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। जीआइजी की मानें तो कैदियों को समाज के मूल धारा में लाने के लिए ही इस तरह का प्रयास किया जा रहा है।
कारा विभाग के बर्द्धमान रेंज के डीआइजी नवीन कुमार साहा ने बताया कि मेले में राज्यभर की लगभग सभी जेलों में बंद कैदियों द्वारा निर्मित सामग्रियों की प्रदर्शन लगेगी। इसी तरह की प्रदर्शनी प्रेसिडेंसी जेल की ओर से आयोजित हो चुकी है। वहीं, बर्द्धमान के बाद उत्तर बंगाल में भी इसी तरह की प्रदर्शनी आयोजित करने की योजना है। जलपाईगुड़ी संशोधनागार में की ओर से भी ऐसी ही प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।