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Money Laundering And Terror Funding: मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग में बांग्लादेशी आतंकी दोषी

Bangladeshi Terrorist. अदालत ने जेएमबी के एक बांग्लादेशी आतंकी को मनी लॉन्ड्रिंग टेरर फंडिंग में दोषी करार दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 06:35 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:35 PM (IST)
Money Laundering And Terror Funding: मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग में बांग्लादेशी आतंकी दोषी
Money Laundering And Terror Funding: मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग में बांग्लादेशी आतंकी दोषी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Bangladeshi Terrorist. पश्चिम बंगाल में कोलकाता की एक अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक बांग्लादेशी आतंकी को मनी लॉन्ड्रिंग(धन शोधन) और आतंकवाद को वित्त पोषण (टेरर फंडिंग) मामले में वीरवार को दोषी करार दिया है। इस मामले में एक भारतीय नागरिक को भी कुसूरवार ठहराया गया है। यह संभवत: देश में ऐसा दूसरा मामला है, जिसमें अदालत ने पीएमएलए (प्रीवेंशन मनी लांड्रिंग एक्ट) के सख्त प्रावधानों के तहत किसी विदेशी नागरिक को दोषी ठहराया है।

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इससे पहले बेंगलुरु की एक अदालत ने 2017 में अल-बद्र से जुड़े एक पाकिस्तानी आतंकी को पीएमएलए के तहत दोषी ठहराया था। बांग्लादेशी नागरिक व जेएमबी के सदस्य रहमतुल्लाह उर्फ साजिद और भारतीय नागरिक मोहम्मद बुरहान को कोलकाता की सत्र अदालत ने पीएमएलए की धारा तीन के तहत दोषी ठहराया है। दोनों को अदालत 17 मार्च को सजा सुनाएगी।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 2014 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) तथा विस्फोटक पदार्थ कानून के तहत दो लोगों तथा कुछ अन्य पर मामला दर्ज किया था। यह मामला दो अक्टूबर, 2014 को बंगाल के बर्धमान में एक मकान में हुए विस्फोट से जुड़ा है, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हो गया था। बाद में इस मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई। एनआइए जांच में बांग्लादेश के आतंकी संगठन जेएमबी की इसके पीछे बड़ी साजिश का पता चला। इसके बाद इस मामले के कई अन्य पहलुओं को भी खुलासा हुआ था।

इसके बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में एनआइए द्वारा दर्ज की गई एफआइआर के आधार पर मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिग के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था। ईडी के कोलकाता जोन ने नवंबर, 2018 में इस मामले पीएमएलए के तहत आरोप पत्र दायर किया था, जिसके बाद गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर दोषियों को सजा सुनाई गई।

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