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कोलकाता में सेना के विजय सांस्कृतिक महोत्सव का आगाज, आर्मी कमांडर बोले- 1971 के योद्धाओं के शौर्य को कभी नहीं भुलाया जा सकता

स्वर्णिम विजय वर्ष 29 सितंबर तक चलेगा यह महोत्सव सेना द्वारा कोलकाता में पहली बार आयोजित इस फिल्म महोत्सव में 1971 के युद्ध से जुड़ी यादगार गाथाएं व फिल्में दिखाई जाएंगी इसी युद्ध के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया और बांग्लादेश एक नए देश का उदय हुआ था।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 02:10 PM (IST)
कोलकाता में विजय सांस्कृतिक महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर विशिष्टजन।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय सेना स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रही है। इसी क्रम में सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय की ओर से कोलकाता में आयोजित विजय सांस्कृतिक महोत्सव का रविवार देर शाम यहां भव्य आगाज हुआ। महानगर के रबींद्र सदन में गणमान्य लोगों की उपस्थिति में पूर्वी कमान के प्रमुख (आर्मी कमांडर) लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने महोत्सव का उद्घाटन किया। इस मौके पर पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा, कोलकाता में बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर तौफीक हसन समेत सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने 1971 के युद्ध में शानदार जीत व इसमें जान गंवाने वाले सशस्त्र बलों और बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं के बलिदान व शौर्य को याद किया। उन्होंने कहा कि 1971 के योद्धाओं के शौर्य को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उद्घाटन के मौके पर 1971 के युद्ध की विजय गाथा पर आधारित एक शानदार नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जिसे सेना व आरएसआर ग्रुप ने पेश किया। साथ ही सेना की बैंड टुकड़ी ने भी प्रदर्शन किया और इसके जरिए 1971 के वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी गई।महानगर के नंदन व रबींद्र सदन सभागार (थिएटर मंच) में 29 सितंबर तक यह महोत्सव चलेगा। सेना द्वारा कोलकाता में पहली बार आयोजित इस फिल्म महोत्सव के दौरान 1971 के युद्ध से जुड़ी यादगार गाथाएं व फिल्में दिखाई जाएंगी। इस महोत्सव के दौरान सेना की बैंड टुकड़ी व राक बैंड टीम भी प्रस्तुति देगी।एक बयान में कहा गया कि पूर्वी कमान इस आयोजन से उत्साहित है और कोलकाता के लोग इस फिल्म महोत्सव का लुफ्त उठाएं।

उद्घाटन अवसर पर कर्नल जेके सिंह ने योद्धाओं के शौर्य का बखान कर बांधा समां

वहीं, उद्घाटन के अवसर पर कार्यक्रम का संचालन कर्नल (रिटायर्ड) जेके सिंह ने किया। इस दौरान उन्होंने 1971 में मिली ऐतिहासिक जीत की विजय गाथा एवं पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे करने वाले वीर योद्धाओं के शौर्य का बखान कर समां बांध दिया। जेके सिंह हर साल गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाले परेड की भी लाइव कमेंट्री करते रहे हैं।

पूर्वी कमान के ही नेतृत्व में लड़ा गया था 1971 का युद्ध

उल्लेखनीय है कि पूर्वी सेना कमान के नेतृत्व में ही 1971 का युद्ध लड़ा गया था। ऐसे में खासकर पूर्वी कमान के लिए इस वर्ष 1971 के युद्ध में शानदार जीत को याद करने के लिए स्वर्णिम विजय दिवस मनाने और इस युद्ध में जान गंवाने वाले सशस्त्र बलों और बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं के बलिदान को याद करने के लिए गर्व का क्षण है।

बता दें कि इसी युद्ध के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था और बांग्लादेश के रूप में एक नए देश का उदय हुआ था। 1971 में कई दिनों तक चले युद्ध के बाद भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। भारतीय सेना इसकी याद में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाती है। 


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