ममता बनर्जी की घोषणा, एक जनवरी को बंगाल में मनाया जाएगा छात्र दिवस
सीएम ने कहा-10 हजार छात्रों को दिया जाएगा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड 20 दिसंबर को आयोजित होगा शिक्षा मेला। चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था। सपनों को पूरा करने के लिए लाभदायक। 40 वर्ष तक के व्यक्ति इस योजना के पात्र। कोचिंग संस्थानों के छात्रों को मिलेगा फायदा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक जनवरी को पूरे राज्य में छात्र दिवस मनाने की घोषणा करते हुए कहा कि 20 दिसंबर को शिक्षा मेला आयोजित किया जाएगा। इस दौरान राज्य के लगभग 10 हजार छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे। 10 से 15 दिनों के अंदर स्टेट बैंक से इसका अनुमोदन मिल जाएगा। म ममता ने बुधवार को प्रशासनिक बैठक के अवसर पर यह घोषणा की। इसके साथ ही उन्होने दो से 10 जनवरी तक दुआरे सरकार शुरू करने की भी घोषणा की। बता दें कि राज्य कैबिनेट ने ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ को काफी पहले ही मंजूरी दे दी थी।
चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था
तृणमूल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका वादा किया था। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति जिसने बंगाल में 10 साल बिताए हैं, वह इसका लाभ उठा सकता है। भारत या विदेश में स्नातक, स्नातकोत्तर, डाक्टरेट और पोस्ट-डाक्टरेट अध्ययन के लिए ऋण उपलब्ध होगा। ममता ने कहा कि उन्होंने चुनाव में जो वादे किए थे। उनसे से अधिकांश को पूर कर दिया है।
सपनों को पूरा करने के लिए लाभदायक
बता दें कि बढ़ रही महंगाई के दौर में उच्च शिक्षा पाना सबके लिए आसान नहीं है. ऐसे में लोग ‘एजुकेशन लोन’ लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं। छात्र या उनके माता-पिता बच्चों के स्नातक या फिर प्रोफेशनल कोर्स के लिए एजुकेशन लोन ले सकते हैं। यह भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए बेहद लाभदायक है।
40 वर्ष तक के व्यक्ति इस योजना के पात्र
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एक छात्र को नौकरी मिलने के बाद कर्ज चुकाने के लिए 15 सालों का समय दिया जाएगा। छात्र क्रेडिट कार्ड की मदद से उच्च अध्ययन के लिए 10 लाख रुपये तक का साफ्ट लोन प्राप्त कर सकता है। 40 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र है।
कोचिंग संस्थानों के छात्रों को मिलेगा फायदा
विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा, जो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं, जिनमें आइआटी, आइआइएम, एनएलयू, आइएएस, आइपीएस, डब्ल्यूबीपीएस शामिल हैं। यह योजना विभिन्न संस्थागत या गैर-संस्थागत खर्चों को कवर करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बंगाल का कोई भी छात्र मौद्रिक सहायता की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।