बचपन परिस्थितियां नहीं समझता, उसे तो बस चाहिए, वो सब जो उन्हें लुभाता है
अन्नपूर्णा ऐसी ही अधूरी बाल लालसाओं को तृप्त करेगी।
हावड़ा, जागरण संवाददाता। बचपन परिस्थितियां नहीं समझता, उसे तो बस चाहिए, वो सब जो उन्हें लुभाता है। ..हमको पिज्जा खाना है, आज मैगी बना द मम्मी, पावभाजी खाने को मन कर रहा है ममा, आज कचौड़ी खिला दो न पापा, एक कोल्ड डिंक्स दिला दो न पापा, आज आइक्रीम मिलेगी....आम घरों में बच्चों की डिमांड कुछ ऐसी ही होती है। कितने जतन से आप ये पूरी करते हैं और आपकी सुखद यादों इन लम्हों को संजो लेते हैं।
कभी सोचा है उन परिवारों का जिनके सुखद लम्हो में इन तस्वीरों की कोई जगह नहीं होती। उन परिवारों के बच्चे अव्वल तो ये डिमांड ही नहीं करते और गलती से कभी कर दिया तो बेचारे मजबूर मां-बाप से उन्हे क्या मिलता है.. ङिाड़की, गाली, डांट और पिटाई। अन्नपूर्णा ऐसी ही अधूरी बाल लालसाओं को तृप्त करेगी।
हावड़ा नवज्योति के तत्वावधान में इस योजना का उद्घाटन पिछले साल त्रिपुरा के राज्यपाल महामहिम तथागत राय ने किया है। योजना पर नियमित तौर पर जारी है। योजना के तहत प्रत्येक रविवार को गरीब परिवार के बच्चों को बालप्रिय भोजन कराया जाता है। इसी क्रम में रविवार को प्रत्युष गोस्वामी व उनकी पत्नी ने अपने हाथों से बच्चों को प्यार से भोजन कराया। बेटा श्रीवत्स गोस्वामी क्रिकेट जगत में बड़ा नाम है। आइपीएल में इस साल सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलेगा।
रणजी खेलता है। 2008 अंडर-19 विश्वकप विजेता टीम का सदस्य है। लेकिन प्रत्युष आज भी जमीन से जुड़े हैं। संस्था के कार्यो से प्रभावित प्रत्युष ने सभी तरह की सहायता करने का आश्वासन देते हुए वादा किया है कि वह प्रत्येक रविवार संस्था की अन्नपूर्णा योजना का हिस्सा बनने के लिए मौजूद रहेंगे।
संस्था के कार्यो से अभिभूत प्रत्युष ने संस्था के सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि खुद में खोया आज का युवा जहां अपने करियर के लिए अपने मां-बात कर को भूल जाता है, ऐसे में कुछ युवा हैं जो परिवार से आगे बढ़ समाज की सोच रहे है, देख कर दिल को ढांढस मिलता है।
इसके पहले संस्था के अध्यक्ष डॉ सिपाही सिंह ने अतिथि का स्वागत किया। संतोष राय ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया व राजू रंजन ने विवेकानंद की पुस्तक भेंट की। कार्यक्रम की में सचिव प्रभात मिश्र, उपाध्यक्ष संजीत सिंह व विश्वजीत जायसवाल सक्रीय रहे।