प्रसव पूर्व एनीमिया की जांच जरूरी, नहीं तो बढ़ सकता है ये खतरा
अगर आप भी गर्भावस्था की तैयारी कर रही हैं तो इससे जुड़ी मोर्बिडीटी को कम करने के लिए प्रसव पूर्व एनीमिया के लिए जांच करवाना जरूरी है।यह प्रसव के बाद पोस्टपार्टम हैमरेज (पीपीएच) के खतरे को भी बढ़ाता है। इसी वजह से मातृ मृत्यु दर दस गुना ज्यादा है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एनीमिया भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है और यह प्रसव के बाद पोस्टपार्टम हैमरेज (पीपीएच) के खतरे को भी बढ़ाता है। इसी वजह से मातृ मृत्यु दर दस गुना ज्यादा है। अगर कोई महिला गर्भावस्था की योजना बना रही है, तो इससे जुड़ी मोर्बिडीटी को कम करने के लिए प्रसव पूर्व एनीमिया के लिए जांच करवाना जरूरी है। संजीवनी हॉस्पिटल, कोलकाता और कोलंबिया एशिया के गायनेकोलॉजिस्ट- कंसल्टेंट डॉ अबिनिबेष चटर्जी ने कहा कि पोस्टपार्टम हैमरेज से बहुत सारी माओं की जान जाती है और अगर इसका इलाज ना किया जाए तो यह एक स्वस्थ महिला को भी 2 घंटों में मार सकता है। एक महिला को अपनी गर्भावस्था के दौरान और गर्भावस्था से पहले भी एनीमिया और अन्य जोखिम फैक्टर्स को जानने और इलाज के लिए जांच करवाना चाहिए।
पीपीएच के खतरे वाले कारकों के बारे में पता हो
डॉ चटर्जी ने विस्तार से बताते हुए कहा, "पीपीएच गर्भाशय से लेकर कॉन्ट्रैक्ट फेलियर (एटोनी), जेनिटल ट्रैक्ट ट्रॉमा (योनि या गर्भाशय ग्रीवा के घाव), यूटरीन के टूटने से बचे प्लेसेंटल टिश्यू, या मातृ रक्तस्राव की वजह से हो सकता है। इस वजह से दुनिया भर में मातृ मृत्यु दर होती है। चिकित्सकों को पीपीएच के खतरे वाले कारकों के बारे में पता होना चाहिए और उन्हें प्रसव से पहले डॉक्टरों से कंसल्टेशन करना चाहिए। पीपीएच के लिए ज्ञात जोखिम फैक्टर्स वाली महिलाओं को केवल उसी अस्पताल में प्रसव कराया जाना चाहिए, जहां पर ब्लड बैंक हो। एनीमिया की जांच और इलाज उचित तरीके से करना चाहिए क्योंकि इससे पीपीएच से जुड़ी मोर्बिडिटी कम हो सकती है।"
पोस्टपार्टम ब्लीडिंग
भारत सीरम एंड वैक्सीन्स लिमिटेड (बीएसवी) ने हाल ही में एक नए महिला स्वास्थ्य उत्पाद "कार्बेटोसिन" को लांच किया है। यह एक इंजेक्शन वाली दवा है जिसे वर्तमान में पोस्टपार्टम ब्लीडिंग (प्रसवोत्तर रक्तस्राव) की रोकथाम के लिए रिकमेंड किया जाता है। डॉ चटर्जी ने आगे कहा, "पीपीएच जिस वजह से होता है उन कारकों से निपटने से बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं में पीपीएच की शुरुआती रोकथाम में वृद्धि हो सकती है। पीपीएच विकसित होने वाली ज्यादा खतरे वाली महिलाओं का जल्दी पता लगाने के लिए रणनीति बनाने पर जोर देने, हेल्थकेयर प्रोवाइडर के निरंतर व्यावसायिक विकास, सीएचडब्ल्यू और परिवार के सदस्यों को इसके बारे में जागरूक करने से पीपीएच की रोकथाम में सुधार हो सकता है। पीपीएच की सक्रिय रोकथाम के लिए स्वास्थ्य प्रणाली के सभी स्तरों पर जानकारी फैलानी जरूरी है।