तृणमूल वरिष्ठ मंत्री फिरहाद ने कहा- असदुद्दीन ओवैसी है भाजपा का हिस्सा, बंगाल में नहीं बंटेगा वोट
ओवैसी के बंगाल में चुनाव लड़ने के एलान पर फिरहाद ने कहा कि वह (ओवैसी) भाजपा का हिस्सा हैं। जो पहले भी अल्पसंख्यक वोट हासिल कर वोट खराब कर चुके हैं। तृणमूल के वरिष्ठ मंत्री ने कहा ओवैसी को बंगाल लाने की भाजपा की रणनीति नहीं होगी कामयाब।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव पांच सीटें जीतकर उत्साहित ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अब आगामी वर्ष बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव भी लड़ने की घोषणा कर दी है। इसे लेकर तृणमूल के कद्दावर नेता व ममता सरकार में वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम ने तंज कसते हुए कहा कि ओवैसी तो भाजपा का ही एक हिस्सा है और वह बंगाल में वोटोंं विभाजन नहीं कर पाएंगे।
फिरहाद ने बिहार चुनाव को लेकर कहा कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें (भाजपा) कोई खास लाभ हुआ है, क्योंकि, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) की सीट कम हो गई हैं और राष्ट्रीय जनता दल(राजद) सबसे बड़ी पार्टी बनी है। इससे यह अब साफ हो गया है कि बंगाल ही नहीं पूरे भारत से खत्म होगी। लेकिन दुर्भाग्य है कि चुनावी गठबंधन जैसी चीजें मायने रखती हैं।
तृणमूल नेता ने कहा कि भाजपा को आज या फिर कल जाना ही है। क्योंकि ना ही बंगाल और ना ही भारत के लोग उसकी विभाजन की नीति को स्वीकारेंगे। गोपाल कृष्ण गोखले को उद्धृत करते हुए फिरहाद ने कहा कि गोखले के मुताबिक, जो बंगाल आज सोचता है वही सब बाकी का भारत कल सोचता है। देश का नेतृत्व बंगाल करेगा। साथ ही भाजपा जैसी सांप्रदायिक राजनीति करने वाले दल खत्म होगा। इस दौरान ओवैसी के बंगाल में चुनाव लड़ने के एलान पर फिरहाद ने कहा कि वह (ओवैसी) भाजपा का हिस्सा हैं। जो पहले भी अल्पसंख्यक वोट हासिल कर वोट खराब कर चुके हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग इसे लेकर मूर्ख नहीं हैं और वह एआइएमआइएम को यहां लाने की भाजपा की रणनीति समझ लेगें। क्योंकि ओवैसी को केवल वोट बांटने के लिए भाजपा बंगाल में लाएगी लेकिन आने वाले चुनाव में वोट नहीं बंटेंगे। आपको बता दें महागठबंधन की कुछ सीटों पर हार के पीछे की वजह ओवैसी को भी बताया जा रहा है। जिसपर ओवैसी कह चुके हैं कि अगर उनकी पार्टी के कारण महागठबंधन को बिहार में हार मिली है तो फिर कर्नाटक, यूपी और मध्य प्रदेश में भी तो हार मिली है। वहां तो एआइएमआइएम ने चुनाव नहीं लड़ा।