महिला के खाली मकान पर कब्जा कर दबंगों ने बनाया मंदिर का चबूतरा, न्याय के लिए भटक रहीं पीड़िता
तृणमूल कांग्रेस समर्थित दबंगों ने कथित तौर पर महिला के खाली पड़े मकान पर कब्जा कर रातों रात मंदिर के चबूतरे का निर्माण कर दिया। सूचना के बावजूद पुलिस निष्क्रिय बनी रही।सीएम से गुहार पर भी नहीं मिला पीड़िता को न्याय अब पीएम व राज्यपाल को लिखा पत्र।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राज्य में महिला सुरक्षा का दावा करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में ही महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसका ताजा उदाहरण मुर्शिदाबाद जिले में देखने को मिला। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समर्थित दबंगों ने कथित तौर पर महिला के खाली पड़े मकान पर कब्जा कर रातों रात मंदिर के चबूतरे का निर्माण कर दिया। सूचना के बावजूद पुलिस निष्क्रिय बनी रही। पीड़िता महिला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई, मगर शासन व प्रशासन की ओर से पीड़िता को कोई मदद नहीं मिली।
इसके बाद अब पीड़िता महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पत्र भेजकर न्यााय दिलाने की गुहार लगाई है।सूत्रों के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत अजीमगंज के ग्राम फतेहजंगपुर निवासी पीड़िता महिला संगीता प्रसाद, पुत्री स्वर्गीय नारायण प्रसाद का जियागंज अजीमगंज नगरपालिका अंतर्गत तमालतला में मकान है, जो लंबे समय से खाली पड़ा था। आरोप है कि कुछ माह पहले तृणमूल के पालिका चेयरमैन की शह पर पार्टी के दबंगों ने रातों रात उनके मकान पर कब्जा कर लिया और इसके बाद वहां मंदिर के चबूतरे का भी निर्माण करा दिया।खासबात यह है कि उक्त मकान अजीमगंज पुलिस चौकी से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है।
मकान पर कब्जा करने की सूचना पर पहुंची पीड़िता महिला ने जब इसका विरोध किया तो दबंगों के साथ उसकी झड़प भी हुई। वहीं, आरोप है कि पीड़िता द्वारा घटना की सूचना दिए जाने के बावजूद सत्ताधारी पार्टी के दबाव में पुलिस भी निष्क्रिय बनी रही। पीड़िता ने मुर्शिदाबाद के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को घटना से अवगत कराने के बाद 31 मई को जियागंज थाने में पालिका चेयरमैन के भाई विश्वजीत घोष, अरिजीत साहा, तारा शंकर साहा, बापी साव समेत अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 448, 323, 324, 354 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोप है कि थाना प्रभारी और तत्कालीन एसडीपीओ की कथित मिलीभगत के चलते दबंगों को कोर्ट से जमानत भी मिल गई।
इसके बाद आरोपितों ने पुलिस की शह पर मुकदमा वापस लेने के लिए पीड़िता को धमकाना शुरू कर दिया।उधर, पुलिस की कार्यप्रणाली से आहत पीड़िता महिला ने बीते 6 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई लेकिन सीएम की ओर से महिला को कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।