कलकत्ता हाईकोर्ट में 70 दिनों बाद गूंजा 'योर ऑनर'
कलकत्ता हाईकोर्ट में 70 दिनों तक चले कार्य स्थगन आंदोलन के बाद अधिवक्ता काम पर लौट आए। यह अब तक का सबसे लंबा कार्य स्थगन आंदोलन है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। कलकत्ता हाईकोर्ट में 70 दिनों तक चले कार्य स्थगन आंदोलन के बाद सोमवार को अधिवक्ता काम पर लौट आए। कलकत्ता हाईकोर्ट में यह अब तक का सबसे लंबा कार्य स्थगन आंदोलन है।
अधिवक्ताओं के तीन संगठनों ने गत 19 फरवरी को हाईकोर्ट में रिक्त पड़े न्यायाधीशों के पद को अविलंब भरने की मांग पर आंदोलन शुरू किया था। गत शनिवार को हाईकोर्ट में चार न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया।
न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य कलकत्ता हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में मंगलवार को पद की शपथ लेंगे।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट में पिछले तीन वर्षों से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त थे। जिस समय यह आंदोलन शुरू हुआ था, उस समय हाईकोर्ट के 72 में से 42 न्यायाधीशों के पद रिक्त थे। 12 मार्च को तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई। अधिवक्ताओं के संगठन इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखा।
गत शनिवार को चार और न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई, जिसके बाद अधिवक्ताओं ने रविवार को आंदोलन वापस लेने का फैसला किया। गौरतलब है कि इस साल मार्च तक हाइकोर्ट में 2,23,921 मामले लंबित हैं।