अधीर ने कहा- बंगाल कांग्रेस में असमंजस
अधीर ने साधारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें। हमें बंगाल में तृणमूल और भाजपा के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़नी है।
कोलकाता, जेएनएन। अधीर ने लिखित बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस का न तो बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और न ही भाजपा के साथ कोई संपर्क है। मीडिया का एक वर्ग लोगों को भ्रमित करने के लिए ऐसी अफवाहें फैला रहा है। काग्रेस बंगाल में तृणमूल और भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को रोकने के नाम पर तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस को सहयोग व समर्थन करती रही हैं। ममता पिछली बार दिल्ली गई थीं तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिली थी। ऐसे में राजनीतिक हलकों में यदि यह कयास लगाए जाते हैं कि अगले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ तृणमूल का तालमेल होगा तो इसमें कोई गलत नहीं है।
दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ ममता के मिलने के बाद तो पश्चिम बंगाल में दोनों दलों के बीच तालमेल की संभावना और बढ़ गई है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। बंगाल में भगवा ब्रिगेड और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई उसी का हिस्सा है। तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी मुद्दे पर कांग्रेस का कोई समझौता नहीं है।
अधीर ने साधारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें। हमें बंगाल में तृणमूल और भाजपा के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़नी है। कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के विरुद्ध लड़ रही है, अधीर के इस दावे में दम है। लेकिन यह भी सच है कि राष्ट्रीय स्तर पर ममता भाजपा के विरुद्ध लड़ाई में कांग्रेस का समर्थन करती रही हैं।
सोनिया और राहुल के साथ ममता की दिल्ली में जो बैठक हुई उसके बाद कांग्रेस और तृणमूल में किसी तरह का संपर्क नहीं होने की बात किसी के गले उतर नहीं सकती है। ममता कांग्रेस के संपर्क में हैं इसमें कोई दो राय नहीं है।
सवाल उठता है कि यदि ममता राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ तालमेल कर लेती हैं तो अधीर क्या कर सकते हैं। उन्हें तो कांग्रेस हाईकमान का ही आदेश मानना पड़ेगा। बंगाल में चूंकि कांग्रेस आधिकारिक रूप से मुख्य विपक्षी दल है इसलिए अधीर को सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस से दूरी बना कर चलने की बात कहनी पड़ रही है।