Move to Jagran APP

जानें क्‍या है नारद स्टिंग ऑपरेशन, जिसमें 4 नेताओं की गिरफ्तारी पर भड़कीं ममता बनर्जी, ईडी में भी दर्ज है केस

Know all about Narada sting operation case नारद न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग आपरेशन किया था जिसमें टीएमसी के मंत्री सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 03:03 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 03:08 AM (IST)
जानें क्‍या है नारद स्टिंग ऑपरेशन, जिसमें 4 नेताओं की गिरफ्तारी पर भड़कीं ममता बनर्जी, ईडी में भी दर्ज है केस
अपनी सरकार के दो मंत्रियों व एक विधायक सहित चार की गिरफ्तारी पर भड़की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : नारद स्टिंग आपरेशन मामले में रात में इस मामले में उस समय नाटकीय मोड़ आया जब देर शाम को मामले में गिरफ्तार नेताओं को निचली अदालत से जमानत मिल गई सीबीआइ इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची जहां कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर स्थगनादेश लगाते हुए सभी नेताओं को जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। चारों नेताओं को रात में ही प्रेसिडेंसी जेल भेज दिया गया।

loksabha election banner

अब मामले की सुनवाई बुधवार को होगी। इस मामले में बीते दिन सीबीआइ ने बंगाल सरकार के दो मंत्रियों व एक विधायक समेत चार नेताओं को गिरफ्तार किया था तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गईं। विरोध जताते हुए वह सीबीआइ कार्यालय में धरने पर बैठ गईं। इस दौरान जहां वह करीब छह घंटे तक कार्यालय में ही डटीं रहीं, वहीं उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता पूर्ण लाकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सड़क पर उतर आए। कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन किया तथा सीबीआइ दफ्तर के बाहर पत्थरबाजी की। पहले जानते हैं क्‍या है नारद स्टिंग ऑपरेशन, जिसमें एकाएक गरमा गई बंगाल की सियासत। 

यह है नारद स्टिंग मामला

नारद न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग आपरेशन किया था, जिसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे। 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग आपरेशन का वीडियो जारी कर दिया गया। मार्च, 2017 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्टिंग आपरेशन की सीबीआइ जांच का आदेश दिया। इस मामलेे में सीबीआइ ने 14 लोगोंं के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। इनमें मदन मित्रा, मुकुल रॉय (अब भाजपा में), सौगत रॉय, सुलतान अहमद (2017 में निधन), इकबाल अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बंदोपाध्याय, सुवेंदु अधिकारी (अब भाजपा में), शोभन चटर्जी (अब किसी दल में नहीं), सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, अपरूपा पोद्दार, आइपीएस अधिकारी सैयद हुसैन मिर्जा तथा कुछ अज्ञात लोगों का नाम शामिल था।

ईडी में भी मामला दर्ज

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भई आरोपितों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था। नवंबर, 2020 में ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए टीएमसी के तीन नेताओं मंत्री फिरहाद हकीम, सांसद प्रसून बंदोपाध्याय और पूर्व मंत्री मदन मित्रा को नोटिस भेजकर आय और व्यय का हिसाब देने को कहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.