Bodh Gaya blast जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश का शीर्ष कमांडर करीम मुर्शिदाबाद में गिरफ्तार
बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक ठिकाने से शुक्रवार तड़के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक शीर्ष आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया गया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक ठिकाने से शुक्रवार तड़के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक शीर्ष आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया गया। यह 2018 में बोधगया विस्फोट मामले में कथित तौर पर शामिल था। एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने मुर्शिदाबाद जिला पुलिस और सूती कस्बे के स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर अब्दुल करीम उर्फ बोरो करीम को गिरफ्तार किया। जेएमबी के सरगना सलाउद्दीन सलीहिन के बाद करीम को भारत में दूसरा टॉप लीडर माना जाता है। अधिकारी ने बताया,'इसने बांग्लादेश के आतंकवादियों को शरण दी थी जो सीधे तौर पर बोध गया विस्फोट में शामिल थे। इसे मुर्शिदाबाद जिले के सूती पुलिस थाना क्षेत्र से शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया।' एसटीएफ द्वारा 2018 में मुर्शिदाबाद स्थित आरोपित के घर से बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ और ‘जिहादी’ सामग्री जब्त की गई थी। हालांकि तब करीम का पता नहीं लगाया जा सका था।
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स्थानीय अदालत में किया गया पेश
पुलिस सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने करीम का नाम बोधगया विस्फोट मामले के आरोप पत्र में शामिल नहीं किया था, लेकिन काफी समय से वह जांच के दायरे में था। उन्होंने कहा, 'वह भारत में जेएमबी के शीर्ष तीन वांछित सदस्यों में से एक है। उसे आज एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा और उसे पुलिस हिरासत में रखने की अनुमति ली जाएगी।'
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2018 में हुआ था धमाका
बिहार के बोध गया में 19 जनवरी, 2018 को तिब्बती अध्यात्मिक नेता दलाई लामा के महाबोधि मंदिर में उपदेश देने के कुछ घंटे बाद एक कम तीव्रता वाला बम धमाका हुआ था। इस संबंध में एनआईए ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। राष्ट्रीयता से भारतीय, करीम, बोधगया धमाके में शामिल धुलियन मॉड्यूल का मुख्य नेता था। सूत्रों के अनुसार, करीम सलाउद्दीन जैसे शीर्ष नेताओं को सक्रिय रूप से ठिकाने खोजने में सहायता करता था। इतना ही नहीं जेएमबी के लिए भर्ती अभियान में भी सक्रिय था। हालांकि वर्ष 2018 में कोलकाता पुलिस की तरफ से की गई अचानक छापेमारी में वह फरार हो गया था। जिसके चलते वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका था।