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Coronavirus: बंगाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ते ही भाजपा ने ममता के खिलाफ खोला मोर्चा

Coronavirus. राज्य में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या के साथ-साथ मौत के आंकड़े बढ़ने को लेकर भी बंगाल भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 05:52 PM (IST)
Coronavirus: बंगाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ते ही भाजपा ने ममता के खिलाफ खोला मोर्चा
Coronavirus: बंगाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ते ही भाजपा ने ममता के खिलाफ खोला मोर्चा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Coronavirus. दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी मरगज से लेकर जहां भाजपा नेता मुखर हैं। वहीं, दूसरी ओर राज्य में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या के साथ-साथ मौत के आंकड़े बढ़ने को लेकर भी बंगाल भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

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भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष और सांसद लॉकेट चटर्जी ने तब्लीगी जमात की सभा में लोगों के शामिल होने को लेकर कहा कि ये वे लोग हैं, जो सरकार, पीएम यहां तक कि लॉकडाउन को भी नहीं मानेंगे। खुद तो संक्रमित होंगे और हजारों लोगों को संक्रमित करेंगे। निजामुद्दीन से पूरे देश में संक्रमण फैलेगा। इस मामले के दोषियों के खिलाख सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मक्का से लेकर वेटिकन सिटी तक बंद है, परंतु, वे लोग निजामुद्दीन में गुरेज नहीं हुआ। लॉकेट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या छुपाई जा रही है।

लॉकेट ने कहा कि इस बंगाल से निजामुद्दीन गए लोगों को आइसोलेशन में डाला जाना जारूरी है। इन लोगों से जो लोग संक्रमित हुए हैं, उनकी चिकित्सा की जिम्मेदारी व उसका पूरा खर्च इन्हीं लोगों वसूलने के साथ-साथ सख्ता कार्रवाई होनी चाहिए। बुधवार को चटर्जी ने महानगर के भवानीपुर में मास्क वितरित की और मास्क बनाने वाली मोर्चा की कार्यकर्ता से मुलाकात कर एक लाख मास्क तैयार करने को कहा।

भाजपा सांसद का आरोप है कि बंगाल में अभी तक मात्र 56 लोगों का टेस्ट हुआ है। ममता सरकार जांच किट का इस्तेमाल नहीं कर रही है। महाराष्ट्र व केरल जैसे राज्यों में मरीजों की जांच की जा रही है, लेकिन बंगाल में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने कहा कि मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। परंतु, उनकी जांच रिपोर्ट उनके मरने के बाद आ रही है। बंगाल में ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं। मरीजों के मरने के बाद पता चला कि वे कोरोना संक्रमित थे। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि वक्त पर जांच नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए किट का इस्तेमाल करे और यदि जरूरत हुई, तो केंद्र सरकार और किट देगी।

उन्होंने कहा कि डेंगू के मामले में देखा गया था कि यदि डेंगू होता था, तो डॉक्टरों से कहा गया था वे प्रिस्क्रिप्शन में डेंगू नहीं लिखें। इसी तरह से कोरोना मामले में भी कहा जा रहा है। गांव में कोरोना के मामले फैल रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि कोरोना नहीं लिखें।

वहीं दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया है कि बंगाल में मौत का औसत अन्य राज्यों से अधिक है। इसी से साबित हो जाता है कि यहां स्वास्थ्य सेवा की हाल क्या है? सूबे में हर दिन कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं। परंतु, लॉकडाउन पूरी तरह से लागू करने में ममता सरकार विफल है। देखा जा रहा है कि लोग भीड़ लगा रहे हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। यहां तक कि सीएम खुद सड़कों पर निकल रही हैं तो क्या होगा? 

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