India Lockdown day 4: कोलकाता में बंद हैं मिठाई की दुकानें, हर दिन बर्बाद हो रहा है हजारों लीटर दूध
Sweet shops are closed in Kolkata कोरोना महामारी को लेकर देशभर में लॉकडाउन है। आश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी व्यवसाय बंद है।
राज्य ब्यूरो,कोलकाता। कोरोना महामारी को लेकर देशभर में लॉकडाउन है। आश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी व्यवसाय बंद है। मिठाई के लिए मशहूर कोलकाता में मिठाई की दुकानें पूरी तरह से पिछले पांच दिनों से बंद और यह लॉकडाउन अभी १४ अप्रैल तक जारी रहेगा। जिसके चलते कोलकाता और इसके आसपास के इलाके में आधे से अधिक ताजा दूध बर्बाद हो रहा है। अनुमान के मुताबिक, एक दिन में कई हजार लीटर दूध बर्बाद हो रहा है। इस दूध की सप्लाई मुख्य रूप से मिठाई की दुकानों पर होनी थी। लेकिन मिठाई की दुकानें बंद होने के चलते दूध की मांग पूरी तरह से ठप हो गई है। जिसके चलते दूध बर्बाद हो रहा है। दूध की बर्बादी से हताश डेयरी फार्म मालिकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। बता दें, पश्चिम बंगाल मिष्ठान व्यवसायी समिति ने भी दो दिन पहले सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर दूध की बर्बादी रोकने के लिए दुकानें खोलने की अनुमति मांगी है। दूध का उपयोग मिठाई, पनीर, दही के रूप में मुख्य रूप से किया जाता है।
हर दिन 50 करोड़ का नुकसान!
जोड़ासांको दुग्ध व्यवसायी समिति के अध्यक्ष राकेश सिन्हा का कहना है कि मिठाई की दुकानें ताजे दूध के उत्पादन का लगभग 60% उपभोग करती हैं। लॉकडाउन के बाद दुकानें बंद होने के चलते दूध की सप्लाई रुक गई है। जिसके चलते अधिकांश डेयरी फार्म मालिक ताजे दूध का नष्ट करने के लिए मजूबर हैं। पड़ोसी बाजारों में लगभग आधी कीमत से दूध बेचा जा रहा है। जिससे हर दिन करीब 50 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। सिन्हा ने बताया कि कुछ बड़े डेयरी मालिक ताजा दूध से क्रीम निकालकर कुछ हद तक इस स्थिति से खुद को उबारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर छोटे गौशाला मालिकों के पास दूध को फेंकने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। हालांकि उन्होंने डेयरियों से संपर्क किया है, लेकिन वे ताजा दूध खरीदने में असमर्थ हैं।
मदर डेयरी और सेंट्रल डेयरी की दूध खरीदने की क्षमता सीमित
राज्य के पशुपालन मंत्री स्वपन देबनाथ ने शुक्रवार को कहा कि मदर डेयरी और सेंट्रल डेयरी अतिरिक्त दूध खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी क्षमता सीमित है। उन्होंने कहा कि हम रातोंरात उत्पादकता नहीं बढ़ा सकते हैं और ना अधिक खरीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसानों को पनीर की आपूर्ति करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में डेयरी मालिकों ने पशु चारे की कमी पर भी चिंता जताई है। सिन्हा ने कहा कि पुश चारे की कमी के चलते छोटे डेयरी मालिकों के पास कोई विकल्प नहीं होगा तो वे मवेशियों को बेच देंगे या उन्हें छोड़ देंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है, तो लॉकडाउन खत्म होने पर यह एक गंभीर संकट पैदा करेगा।