सीएए-एनआरसी का खौफ, जन्म प्रमाणपत्र के लिए उमड़ी अल्पसंख्यकों की भीड़
जागरण संवाददाता कोलकाता महानगर में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी)
जागरण संवाददाता, कोलकाता : महानगर में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) में लोगों की लाइन लगी हुई है। इनमें ज्यादा तादात अल्पसंख्यकों की हैं। बंगाल में ऐसी अफवाह फैली हुई है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू नहीं करने की घोषणा के बाद भी जल्द ही राज्य में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस विषय में केएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने जन्म प्रमाणपत्र के लिए पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी। हमारा विभाग एक दिन में 100 जन्म प्रमाणपत्र जारी कर सकता है। कुछ दिनों से हमें 200 से अधिक आवेदन मिल रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि से ज्यादा भीड़ हो रही है इसलिए सिर्फ निगम ही नहीं बल्कि प्रत्येक बोरो में जन्म प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि केएमसी में केवल हाल में बने माता-पिता ही नहीं आ रहे हैं। कई आवेदनकर्ता 40 से 50 साल और कई तो 60 साल या उससे ऊपर के हैं। ये लोग या तो अपना जन्म प्रमाणपत्र चाहते हैं या यह जानकारी लेते हैं कि वे कैसे जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। जो लोग 40 या उसके ऊपर के हैं, उनका जन्म रेकॉर्ड नहीं है, क्योंकि केएमसी 1980 के आसपास तक जन्म प्रमाणपत्र जारी नहीं करती थी। जन्म प्रमाणपत्र बनवाने निगम पहुंचे 70 वर्षीय रहमत अली कहते हैं, राज्य में सीएए और एनआरसी लागू होने को है। ऐसे में उनके पास दिखाने के लिए जन्म से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है। इसलिए वे जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए यहां आएं है, जिससे वे साबित कर सकें कि उनका जन्म बंगाल में ही हुआ है। रहमत अली की तरह ही कई लोग हैं, जो सीएए-एनआरसी के खौफ की वजह से निगम के चक्कर काट रहे हैं।