अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की विश्व भर में सराहना : धनखड़
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित इंटर-कॉलेज रामचरित मानस गायन प्रतियोगिता का उद्घाटन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
जागरण संवाददाता, कोलकाता :
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित इंटर-कॉलेज रामचरित मानस गायन प्रतियोगिता का उद्घाटन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। राज्यपाल की धर्मपत्नी सुदेश धनखड़, डॉ. सुधा दत्त, डॉ. कंचन गाबा, अरुणाभ राय, अशोक अवस्थी एवं अतिथिगण उपस्थित थे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रेरक आशीर्वचन में कहा कि भारत के संविधान में श्रीराम का चित्र दर्शाया गया है। शातिनिकेतन स्थित कला भवन के प्राध्यापक रहे चित्रकार नंदलाल बोस (बसु) ने भारत के संविधान की मूल प्रति का डिजाइन तैयार किया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की विश्व के राजनेताओं ने सराहना की है। अब वो दिन दूर नहीं है जब भारतवासियों को अयोध्या में श्रीराम मंदिर देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा भारत में सनातन धर्म, संस्कृति प्राचीन विरासत है। अगर हम संस्कृति से दूर होंगे तो वटवृक्ष की जड़ें कमजोर होगी, विरासत खो देंगे । उन्होंने कहा कि एक-दूसरे से लड़ने की संस्कृति बंगाल की नहीं है। उन्होंने बच्चों, युवा पीढ़ी से श्री रामचरित मानस से प्रेरणा लेकर भारतीय संस्कृति को जीवन में अपनाने का निवेदन किया। संस्था के सचिव योगेश अवस्थी ने सेवाकायरें एवं निरन्तर प्रगति की जानकारी दी। अतिथि वक्ताओं ने प्रतियोगिता के आयोजकों की सराहना करते हुए प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को शुभकामना दी। निर्णायक डॉ. बिमलेंदु, अनिल पाडेय, अर्जुन ठाकुर, ज्ञान प्रकाश पाडेय, प्रो. प्रतिमा शुक्ला ने सावित्री गर्ल्स कॉलेज की झूमा कुमारी को प्रथम, महारानी काशेश्वरी कॉलेज की मुस्कान चौरसिया को द्वितीय, टी एच के जैन कॉलेज के शुभम उपाध्याय को तृतीय विजेता घोषित किया। सभी विजेताओं एवं प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता का संचालन शचि अवस्थी ने किया। दिनेश अवस्थी, शकुन त्रिवेदी, पुष्पा मिश्रा, अमित त्रिपाठी, अंजनेय शर्मा, नरेन्द्र अवस्थी, बिमलेश त्रिवेदी, कैलाश शुक्ला, वैकुंठ मिश्रा, रमेश तिवारी, मोनू तिवारी, अमिता त्रिपाठी, संतोष शुक्ला, बचू पाडेय, स्कॉउट छात्र-छात्राएं एवं कार्यकर्ता सक्रिय रहे।