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Bengal: आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ता अब तैयार करेंगे गांधीपीडिया

IIT Kharagpur. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ता बापू की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गांधीपीडिया तैयार करेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 06:56 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 06:56 PM (IST)
Bengal: आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ता अब तैयार करेंगे गांधीपीडिया
Bengal: आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ता अब तैयार करेंगे गांधीपीडिया

जागरण संवाददाता, कोलकाता।  IIT Kharagpur. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दुर्लभ किताबों, पत्रों और भाषणों को अब आप बहुत जल्द ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी पढ़ सकेंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के शोधकर्ता बापू की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गांधीपीडिया तैयार करेंगे। इस गांधीपीडिया में महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई किताबों, पत्रों और भाषणों का दुर्लभ संग्रह होगा। राष्ट्रपिता बापू के इन दुर्लभ संग्रहों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के लिए आइआइटी और नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) ने हाथ मिलाया है।

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आइआइटी खड़गपुर की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया गया कि पूरे प्रोजेक्ट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से अंजाम दिया जाएगा। बयान में बताया गया कि पहले चरण में राष्ट्रपिता बापू द्वारा लिखित करीब 40 से ज्यादा किताबों को डिजिटल फॉर्मेट में बदला जाएगा। उसकी इंडेक्स तैयार की जाएगी और उसके हिस्सों को ट्वीट किया जाएगा। पहले चरण का कार्य अगले साल मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा चार और चरणों में इस काम को अंजाम दिया जाएगा। इन सभी चार चरणों का काम मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना में आइआइटी खड़गपुर के साथ आइआइटी गांधीनगर भी सहयोग कर रहा है।

वहीं, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन स्वायत्त संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम भी इसमें सहयोग कर रहा है। आइआइटी खड़गपुर के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर व इस परियोजना की अगुवाई कर रहे अनिमेष मुखर्जी ने बताया कि महात्मा गांधी की किताब सच के साथ मेरे प्रयोग से इसकी शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि बापू के पत्रों और भाषणों समेत उनके कुल 100 कार्यों को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। 

गौरतलब है कि गांधीपीडिया तैयार करने की कवायद चल रही है। गांधीपीडिया के तैयार होने से काफी सहूलियत मिलेगी। फिलहाल इसे तैयार होने में करीब पांच साल लग जाएंगे। तब तक लोगों को इसका इंतजार करना होगा।

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