पश्चिम बंगाल में विदेशी कैदियों के लिए खोले जाएंगे दो हिरासत केंद्र, मंत्री ने दी सफाई
एनआरसी पर मचे घमासान के बीच बंगाल सरकार विभिन्न आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए गए विदेशी नागरिकों को रखने के लिए जल्द ही दो हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) बनाएगी।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर मचे घमासान के बीच बंगाल सरकार विभिन्न आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए गए विदेशी नागरिकों को रखने के लिए जल्द ही दो हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) बनाएगी। राज्य के जेल मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि, इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि इन हिरासत केंद्रों का एनआरसी से कोई संबंध नहीं होगा।
विश्वास ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार राजारहाट न्यूटाउन इलाके में पहले ही एक भूखंड निर्धारित कर चुकी है। वहीं, दूसरे हिरासत केंद्र के लिए उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में जमीन तलाशी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी जमीन के चिह्नित किए जाने तक बनगांव में मौजूदा सरकारी इमारत को दूसरे केंद्र में बदला जा सकता है ताकि विदेशी नागरिकों को अस्थाई रूप से वहां रखा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बना रहे केंद्र
विश्वास ने कहा कि ये हिरासत केंद्र सुप्रीम कोर्ट के उन निर्देशों के तहत बनाए जा रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि विचाराधीन एवं सजा काट रहे विदेशी नागरिकों को स्थानीय कैदियों के साथ नहीं रखा जा सकता है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि इसका एनआरसी से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इसे एनआरसी से नहीं जोडि़ए। विश्र्वास ने आगे कहा कि अभी तक आपराधिक गतिविधियों के लिए गिरफ्तार विदेशी नागरिकों को स्थानीय कैदियों के साथ रखा जाता था, लेकिन हमने पाया कि विभिन्न भाषा एवं संस्कृति के चलते समस्याएं पैदा होती हैं और हालात से निपटना काफी मुश्किल होती है।
इधर, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हाल में आई 2017 की रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल की विभिन्न जेलों में स्थानीय कैदियों के साथ करीब 1319 विदेशी नागरिक बंद हैं।
गौरतलब है कि एनआरसी के मुद्दे पर बंगाल में घमासान मचा है। भाजपा बंगाल में भी एनआरसी लागू करने की लगातार मांग कर रही है ताकि आतंरिक सुरक्षा के मद्देनजर घुसपैठियों को बाहर निकाला जा सके। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में एनआरसी का कड़ा विरोध कर रही हंै।